भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जुलाई से अपने एटीएम निकासी नियमों में बदलाव किया है. अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया, तो ग्राहकों पर जुर्माना लगेगा. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, एसबीआई मेट्रो शहरों में अपने नियमित बचत खाताधारकों को एटीएम से एक महीने में 8 मुफ्त लेनदेन करने की अनुमति देता है. मुफ्त ट्रांजैक्शन की लिमिट पार करने पर ग्राहकों से प्रत्येक लेनदेन पर चार्ज लिया जाता है.
एसबीआई एक महीने में अपने नियमित बचत खाताधारकों को 8 मुफ्त लेनदेन की अनुमति देता है. इनमें 5 एसबीआई एटीएम और किसी अन्य बैंक के 3 एटीएम से मुफ्त लेनदेन शामिल है. गैर-मेट्रो शहरों में 10 मुफ्त एटीएम लेनदेन होते हैं, जिसमें 5 लेनदेन एसबीआई से किए जा सकते हैं, जबकि 5 अन्य बैंकों के एटीएम से. बैंक खाते में 1,00,000 रुपये से ज्यादा का औसत मासिक बैलेंस करने वाले बचत खाताधारकों को स्टेट बैंक ग्रुप (SBG) व अन्य बैंकों के एटीएम में असीमित लेनदेन की सुविधा देती है.
विफल एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज
खाते में ज्यादा बैलेंस ना होने की स्थिति में अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाती है, तो एसबीआई खाताधारकों से 20 रुपये शुल्क के साथ जीएसटी वसूलेगा.
ओटीपी के साथ एसबीआई एटीएम से नकद निकासी
एसबीआई ने एटीएम से 10 हजार रुपये से अधिक नकद निकासी के नियमों में भी बदलाव किया है. अब अगर आपर एसबीआई के एटीएम से 10 हजार रुपए से अधिक रकम निकालते हैं तो आपको ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी.
यह नई सुविधा 1 जनवरी 2020 से लागू हो गई है. बैंक की इस सुविधा के तहत खाताधारकों को रात के 8 बजे से लेकर सुबह के 8 बजे तक एसबीआई के एटीएम से कैश निकालने के लिए ओटीपी की जरूरत होगी.
बैंक की ये सुविधा खाताधारकों को सिर्फ एसबीआई के एटीएम में मिलेगी. अगर आप बाकी किसी दूसरे एटीएम से कैश निकालते हैं तो पहले की तरह आराम से निकाल सकते हैं. आपको किसी ओटीपी की जरूरत नहीं होगी.