रविवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संगठन समाज को जगाने और एकजुट करने के लिए काम कर रहा है ताकि भारत पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श समाज के रूप में उभर सके.
मोहन भागवत ने आगे जोर देकर कहा कि लोगों को एक व्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि एक समुदाय के रूप में समाज की सेवा करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि संघ समाज को जगाने, उसे एक करने और एक इकाई के रूप में और अधिक संगठित बनाने का काम कर रहा है, ताकि भारत पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श समाज के रूप में उभर सके.
मोहन भागवत आरएसएस की दिल्ली इकाई द्वारा अपने कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने ये भी कहा कि समाज के अलग-अलग वर्गों की कई हस्तियों ने देश की आजादी में बलिदान दिया और योगदान दिया, लेकिन हमें एक समाज के रूप में फलने-फूलने में समय लगा.
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि ये भारतीयों की मूल प्रकृति और डीएनए है कि वे समाज की तरह सोचते हैं न कि व्यक्तियों और हमें उन्हें और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. कल्याणकारी कार्य करते समय हमें हमें ‘मेरा और सिर्फ मेरा’ से ऊपर प्राथमिकता देने की आवश्यकता है और इससे हमें एक समाज के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी.
इससे पहले 15 अगस्त को 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मोहन भागवत ने ‘अखंड भारत’ की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि ये तब होगा जब हम डरना बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि अगर हम भारत को बड़ा बनाना चाहते हैं, तो हमें ये समझना चाहिए कि देश में सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं, विभिन्न जातियों के लोग मेरे हैं, हमें ऐसा स्नेह चाहिए.