Republic Day 2025: ‘लखपति दीदी’ से ‘बैंकिंग सेवाओं के विकास’ तक, गणतंत्र दिवस की झांकियों में दिखी भारत की प्रगति

भारत इस साल अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर रविवार को राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया. दौरान कर्तव्य पथ पर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली प्रगति को प्रदर्शित करने वाली झांकियां देखने को मिली. जिनमें भारत की प्रगति और समृद्धि की झलक देखने को मिली.

लखपति दीदी की दिखी झलक
परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां निकलीं, जिन्होंने अपने डिजाइन, सजावट और थीम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इनमें ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ‘लखपति दीदी पहल’ की थीम पर एक झांकी पेश की. ग्रामीण विकास मंत्रालय की झांकी “लखपति दीदी पहल” को प्रदर्शित करती दिखी. जो उद्यमिता, आत्मनिर्भरता और शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर केंद्रित थी.

बता दें कि झांकी में शामिल लखपति दीदी की एक दीप्तिमान प्रतिमा के रूप में नजर आई. जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से भरी हुई एक सफल महिला उद्यमी का प्रतीक है. वहीं उसके आसपास के दृश्यों में महिलाओं को बुनाई, हस्तशिल्प और कृषि जैसी आर्थिक गतिविधियों में लगे हुए दिखाया गया जो महिलाओं की आजीविका पर इस पहल के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाता है.

डिजिटल साक्षरता की भी दिखी झलक
इसके अलावा इस झांकी में कंप्यूटर का उपयोग करने वाली महिलाओं के माध्यम से डिजिटल साक्षरता की भी झलक देखने को मिली. जो बच्चों की शिक्षा पर महिला सशक्तिकरण के सकारात्मक प्रभावों पर जोर देती है. जीवंत सांस्कृतिक तत्व, पारंपरिक वेशभूषा और ग्रामीण भारत की झलक दिखाती है. झांकी में बैनर पर लिखा था, “सशक्त महिलाएं, समृद्ध परिवार, मजबूत राष्ट्र”, जो जीवन के उत्थान और राष्ट्र को मजबूत करने में पहल के रूप में दर्शाता है.

देश में बैंकिंग सेवाओं के विकास का प्रदर्शन
इसके साथ ही कर्तव्य पथ पर देश की बैंकिंग सेवाओं के विकास का भी प्रदर्शन देखने को मिला. जिसमें घूमता हुआ सुनहरा सिक्का भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, नवाचार और समावेशी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता दिखा. जो रुपये का प्रतीक आर्थिक गतिविधि की जीवंतता, स्थिरता, ताकत और लचीलेपन के साथ विकास को दर्शाता है. मध्य भाग पारंपरिक वित्तीय प्रथाओं से लेकर आधुनिक बैंकिंग प्रणाली तक की प्रगति को दर्शाता है, जो विश्वास, समावेशिता और तकनीकी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है.

वहीं एटीएम का उपयोग करने वाली महिला इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे देश में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार ने समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए वित्तीय पहुंच में सुधार हुआ है. वहीं यूपीआई प्रतीक के रूप में ऊपर की ओर जाने वाला तीर भारत द्वारा सभी आर्थिक पृष्ठभूमि के नागरिकों का समर्थन करता हुआ दिखाई दिया.

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