सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लागू होने को लेकर राजनीतिक उत्तेजना बढ़ी है। विपक्ष इसे आलोचना कर रहा है और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, शरणार्थी भी अपनी आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं। हिंदू शरणार्थियों ने सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
आज कांग्रेस कार्यालय के बाहर भी शरणार्थियों ने विपक्ष के खिलाफ प्रतिष्ठान लिया। उन्होंने जोरदार प्रतिरोध प्रकट किया और बैरिकेड तोड़ दी। इस संघर्ष के माध्यम से उन्होंने अपनी आवाज को सुनाने का प्रयास किया। बयानों के कारण, शरणार्थी इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के खिलाफ प्रतिवाद कर रहे हैं। वे प्रदर्शन कर रहे हैं और कांग्रेस कार्यालय में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे, जिसे पुलिस ने मुश्किल से रोका।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि सीएए कानून कभी भी वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है और हम इस पर कभी भी समझौता नहीं करेंगे।’ शाह ने कहा कि सीएए मोदी सरकार द्वारा लाया गया है और इसे वापस लेना असंभव है।