भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. एमपीसी की मीटिंग के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी जानकारी दी है. वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी एमपीसी बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी.
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.5 प्रतिशत कर दी गई. इसके बाद लगातार 8 बार केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो चुकी है. बता दें कि रेपो रेट के आधार पर बैंक लोन की ब्याज दर पर फैसला लेते हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक जीडीपी 7.2 फीसदी रह सकती है. पहली तिमाही में जीडीपी 7.3 फीसदी, दूसरी में 7.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.3 फीसदी तो चौथी तिमाही में 7.2 फीसदी की से रफ्तार से बढ सकती है.
पिछले एमपीसी की तरह ही वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान बरकरार रखा गया है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान लगाया है. आरबीआई का अनुमान है कि महंगाई पहली तिमाही में 4.9 फीसदी, दूसरी में 3.8 फीसदी, तीसरी में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रह सकती है.