यूपी के हाथरस में बीते दिनों सत्संग में मची भगदड़ के पीछे नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में 114 महिलाएं और 7 पुरुष शामिल हैं. भगदड़ मचने की वजह बाबा के चरण धूल है, जिसे हासिल करने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा सूरजपाल के चरण की धूल पाने के लिए लोग एक दूसरे पर चढ़ गए. इस हादसे के पीछे रंगोली कनेक्शन भी सामने आया है. सत्संग स्थल पर एक बड़े आकार की रंगोली तैयार की गई थी. इसे भोले बाबा के लिए बनाया गया था.
इस मामले में पुलिस की खुफिया यूनिट को अहम जानकारी मिली है. भोले बाबा की रंगोली के बुरादे को लेने के चक्कर में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. बताया जा रहा रहा कि सत्संग स्थल पर एक बड़ी रंगोली तैयार की गई थी. इस पर से बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण सरकार को गुजर कर जाना था. जैसे ही बाबा से यहां पर गुजरे, भक्तों का हुजूम उस रंगोली पर टूट पड़ा. दरअसल, बाबा के भक्त उस रंगोली को आशीर्वाद मानकर उसके बुरादे को अपने साथ ले जाने लगे.
एक साथ हजारों की संख्या में फॉलोअर्स उस रंगोली के बुरादे को लेने के लिए दंडवत हो गए. सब एक-दूसरे पर टूटे. लोग इस तरह से गिरे कि संभल नहीं सके. देखते ही देखते सब एक दूसरे पर लद गए. लोग के बीच भगदड़ मच गई. एक दूसरे पर लोग लदने लगे. हर कोई एक-दूसरे पर गिरता चला गया और कुछ ही देर में लाशों का अंबार बिछ गया. सभी भक्त इस बुरादे को अपने घर ले जाने की कोशिश कर रहे थे. इस रंगोली को तैयार करने में सवा दो टन बुरादे का उपयोग किया गया था.
ऐसा पहली बार नहीं है कि यह रंगोली तैयार की गई. हर सत्संग कार्यक्रम में नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के रास्ते में करीब 200 मीटर की रंगोली बनाई जाती है. यह रंगोली सत्संग के बाद नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के जाने का रास्ता होता है. बाबा के भक्तों का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि जब वह इस रंगोली से चलकर वे निकलते हैं तो ये काफी पुण्य हो जाती है. इसे लोग दंडवत कर प्रणाम करते हैं. इसका थोड़ा हिस्सा अपने घर ले जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस बुरादे से घर में बीमारी दूर होती हैं. इसके साथ भूत प्रेत का डर नहीं सताता है.