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रेमल चक्रवात: पूर्वोत्तर में भारी बारिश से तबाही, मिजोरम में लापता लोगों की खोज जारी

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चक्रवात रेमल के कारण पूर्वोत्तर भारत के अनेक राज्यों में भारी हानिकारक प्रभाव पड़ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में इस तूफान ने 2,140 से अधिक पेड़ों को उखड़ा और लगभग 1,700 बिजली के खंभे भी गिरा दिए। नदियों का बढ़ता पानी ने सड़कों को भी बहा दिया, जिससे स्थानीय जीवन पर बड़ा असर पड़ा है।

असम के दीमा हसाओ जिले में भी मंगलवार को भारी बारिश ने हाफलॉन्ग-सिलचर कनेक्टिंग रोड को बहा दिया, जिसके कारण यह रास्ता अभी एक जून तक बंद रहेगा। इस अवस्था ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है और सरकारी अधिकारियों ने अत्याधिक सतर्कता का आदेश जारी किया है।

मिजोरम में हुए भारी बारिश और भूस्खलन के परिणामस्वरूप राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके में मंगलवार को एक खदान ढह गया। इस दुर्घटना में 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 25 के शव बरामद किए गए हैं। लापता लोगों को ढूंढने के लिए बुधवार को बचाव अभियान शुरू किया गया है। घटनास्थल पर सेना के 25 कर्मियों, अन्य निगमित दलों के 22 कर्मियों, और राहत कार्यों में शामिल होने के लिए 10 कर्मियों को तैनात किया गया है।

इस दुर्घटना ने कई इलाकों में भूस्खलन का कहर बरपाया, जिससे कई घरों और श्रमिक शिविर ढह गए। मलबे के नीचे कम से कम 22 लोग दब गए, जिन्हें बचाने के लिए राहत कार्य अभी भी जारी है। आइजोल जिले के ह्लिमेन में पांच लोगों को बचाया गया, जबकि चार अभी भी लापता हैं। सलेम वेंग में भी एक इमारत का ढहना रिपोर्ट किया गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई और उनके शव बरामद किए गए हैं।

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