पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की 2,565 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति बेचने की इजाजत दे दी. संपत्ति बेचकर घोटाले से प्रभावित लोगों को पैसा वापस किया जाएगा. ईडी लंबे समय से इसके लिए कोशिश कर रही थी. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान ईडी ने चोकसी की संपत्तियां सीज की थीं.
प्रभावित बैंकों (पीएनबी, आईसीआईसीआई) और ईडी की याचिका पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि संपत्तियों की नीलामी से मिली रकम एफडी के रूप में पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक में जमा की जाए. चोकसी ने आईसीआईसीआई ने बड़ा लोन लिया था, जो चुकाया नहीं गया. चोकसी की गीतांजलि जेम्स लिमिटेड से जुड़ी कई संपत्तियों को बेचकर 125 करोड़ रुपए लोगों को वापस किए जा चुके हैं. इन संपत्तियों में मुंबई के फ्लैट, दो फैक्ट्रियां और गोदाम शामिल थे. चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी 2018 में सामने आए पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं.
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के मुताबिक कोई भी व्यक्ति, जिसके खिलाफ भारत की किसी अदालत ने सूचीबद्ध अपराध पर वारंट जारी किया हो और वह मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़ चुका हो या विदेश में रहते हुए मुकदमे का सामना करने के लिए देश लौटने से इनकार करता हो, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है.
चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी को ईडी और सीबीआई ने पीएनबी के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर 13,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में वांछित घोषित कर रखा है. दोनों के प्रत्यर्पण के प्रयास चल रहे हैं. नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है. वह 2019 से लंदन की जेल में है. मेहुल चोकसी एंटीगुआ-बरबूडा में रह रहा है. भारत की इस देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है.