देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने कर्ज के लिये रेपो से जुड़ी ब्याज दर सोमवार को 0.15 प्रतिशत बढ़ाकर 6.80 प्रतिशत कर दी. नई दरें एक सितंबर से लागू होंगी. इस बढ़ोतरी के बाद बैंक का आरएलएलआर 6.65 प्रतिशत से बढ़कर 6.80 प्रतिशत हो गया है. आवास, शिक्षा, वाहन, सूक्ष्म और लघु उद्योगों को दिए जाने वाले सभी नए ऋण आरएलएलआर से जुड़ गए हैं. वहीं पीएनबी ने अपनी आधार दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 8.90 प्रतिशत कर दिया है.
पंजाब नेशनल बैंक के रेपो से जुड़ी ब्याज दर को बढ़ाने से होम लोन या ऑटो लोन लेना महंगा हो जाएगा. बता दें कि लोन ईएमआई पर छूट को सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. लॉकडाउन के बाद RBI ने तीन महीने के लिए लोन मोरेटोरियम का ऐलान किया था. लेकिन बाद में इस अवधि को 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि कोरोना संकट में जिन कठिन आर्थिक हालातों को देखते हुए मोरेटोरियम सुविधा दी गई थी वह अभी समाप्त नहीं हुई है, ऐसे में मोरोटोरियम की सुविधा को इस साल दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए.
पिछले हफ्ते पीएनबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस एस मल्लिकार्जुन राव ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि हमने जून तक कुल 7.21 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा था. इसमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को दिया गया कर्ज 1.27 लाख करोड़ रुपये था. इनमें से 14 प्रतिशत एनपीए (गैर-निष्पादित परिसपंत्ति) है. इसको देखते हुए हमारा मोटा अनुमान है कि करीब 5 से 6 प्रतिशत कर्ज पुनर्गठित करने लायक होंगे. उन्होंने कहा, पांच-छह प्रतिशत करीब 40,000 करोड़ रुपये बैठता है.
राव ने कहा कि कंपनी कर्ज का पुनर्गठन के वी कामत की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जाएगा. पीएनबी प्रमुख ने कहा, सौ करोड़ रुपये से अधिक के कर्जों के मामले में आरबीआई ने के वी कामत समिति का कठन किया है. अब वे हमें इसका ब्योरा देने जा रहे हैं. यह क्षेत्र केंद्रित या श्रेणी केंद्रित होगा, यह हमें अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि समिति की सिफारिशों का अध्ययन करने के बाद छह सितंबर तककर्ज पुनर्गठन के नियम अधिसूचित कर दिए जाएंगे.