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पाक पीएम शहबाज शरीफ का आईएमएफ के सामने गिड़गिड़ाना गया बेकार, जानिए क्यों

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इस्‍लामाबाद|…… महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्‍तान की दिक्‍कतें और बढ़ने वाली हैं. पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जिस अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने झोली फैलाई थी, उसने एक पैसा भी देने से इनकार कर दिया. हद तो तब हो गई, जब पाकिस्‍तान मदद मांगता रहा और आईएमएफ की टीम बोरिया-बिस्‍तर समेट कर चलती बनी.

आईएमएफ ने बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्‍तान के समक्ष कुछ शर्तें रखी हैं, जिसको पूरा नहीं किया गया. आर्थिक सुधारों की छानबीन करने के बाद आईएमएफ की टीम वापस वॉशिंगटन लौट गई. टीम ने लौटने से पहले पाकिस्‍तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्‍ड ब्‍लोम से मुलाकात की.

आईएमएफ की टीम 10 मई को पाकिस्‍तान पहुंची थी. नए बेलआउट पैकेज को लेकर दोनों पक्षों के बीच स्‍टाफ लेवल के करार पर हस्‍ताक्षर होना था, लेकिन खस्‍ता आर्थिक स्थिति और शर्तों को पूरा न करने के चलते ऐसा नहीं हो सका.आईएमएफ की टीम ने कहा कि आर्थिक मदद हासिल करने के लिए जो शर्तें रखी गई थीं, उसकी प्रगति की समीक्षा करने के बाद ही नए बेलआउट पैकेज पर चर्चा और विचार किया जाएगा.

आईएमएफ ने बताया कि शर्त पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के बाद ही डील पर साइन किया जाएगा. आईएमएफ ने पाकिस्‍तान को ऐसे समय में झटका दिया है, जब महंगाई सिर चढ़कर बोल रहा है. आटा-चावल से लेकर रसोई गैस तक आमलोगों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं. पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले कश्‍मीर के साथ ही देश के अन्‍य हिस्‍सों में महंगाई के विरोध में और सरकार के निकम्‍मेपन को लेकर लोग हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पाकिस्‍तान के सामने ये 6 शर्त
रेवेन्‍यू जेनरेशन के लिए टैक्‍स प्रणाली में सुधार.
सामाजिक सुरक्षा और जलवायु सुधार के लिए नीति.
ऊर्जा क्षेत्र में सुधार ताकि कीमतों को कम किया जा सके.
महंगाई पर काबू के लिए मौद्रिक और एक्‍सचेंज रेट पॉलिसी में सुधार.
सरकारी कंपनियों में स्‍ट्रक्‍चरल सुधार और निजिकरण को बढ़ावा.
सरकारी कामकाज में सुधार और सबको समान अवसर प्रदान करना.

गिड़गिड़ाते रह गए पीएम शहबाज शरीफ
पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आईएमएफ के सामने गिड़गिड़ाते रह गए कि उनकी सरकार संगठन की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा कर लेगी, लेकिन टीम ने उनकी एक न सुनी. पाकिस्‍तान को उम्‍मीद थी कि आईएमएफ टीम की इस बार के दौरे के दौरान स्‍टाफ लेवल समझौते पर दस्‍तखत हो जाएंगे. सहमति बनने के बाद ही बेलआउट पैकेज जारी किया जाएगा. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और एक-एक पैसे के लिए मोहताज पाकिस्‍तान मुंह ताकता रह गया. आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्‍तान संसद द्वारा बजट को मंजूरी मिलने के बाद वह तय करेगा कि इस्‍लामाबाद के लिए नया बेलआउट पैकेज जारी किया जाए या नहीं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आईएमएफ की टीम बजट तैयारियों और आर्थिक सुधारों में हुई प्रगति का जायजा लेने आई थी.

आईएमएफ ने रखी हैं कड़ी शर्तें
गंभीर आर्थिक संकट और कुप्रबंधन झेल रहे पाकिस्‍तान को तत्‍काल आर्थिक मदद की जरूरत है. विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सिमटता जा रहा है, जिससे नए तरह की संकट का सामना करना पड़ सकता है. आईएमएफ ने ऊर्जा के साथ ही मौद्रिक और कर संबंधी नीतियों में व्‍यापक सुधार करने को कहा है. इसके अलावा सरकारी कंपनियों के प्रबंधन और निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए और निर्णायक कदम उठाने को भी कहा गया है.

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