केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड एनएसजी कमांडो को वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह कदम देश में आतंकवाद-निरोधी अभियानों के लिए एनएसजी की प्रभावशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है.
एनएसजी, जिसे आमतौर पर ‘ब्लैक कैट’ कमांडो के नाम से जाना जाता है, को विशेष आतंकवादी हमलों और हाई-प्रोफाइल ऑपरेशनों के लिए प्रशिक्षित किया गया है. लेकिन हाल के वर्षों में, उन्हें कई वीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया था, जिसके कारण उनके मूल कार्य में कमी देखी जा रही थी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एनएसजी को अब उनके प्राथमिक उद्देश्य की ओर फिर से केंद्रित किया जाएगा, ताकि वे देश की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार रहें.
एनएसजी की जगह अब वीआईपी सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों को तैनात किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने इस दिशा में योजना बनानी शुरू कर दी है, और जल्द ही नई सुरक्षा व्यवस्था को लागू किया जाएगा. यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, ताकि किसी वीआईपी की सुरक्षा में कोई चूक न हो.
विशेषज्ञों का मानना है कि एनएसजी की विशेषज्ञता को केवल उच्च जोखिम वाले आतंकवाद-रोधी और अपहरण विरोधी ऑपरेशनों में ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए. यह निर्णय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. एनएसजी को देश के महत्वपूर्ण संस्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा और हाई-प्रोफाइल आतंकी खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह समर्पित किया जाएगा.
बीते कुछ वर्षों में यह सवाल उठता रहा है कि एनएसजी जैसे विशेष बलों का वीआईपी सुरक्षा में इस्तेमाल करना उनके असली उद्देश्य से भटकाव है. विशेषज्ञ और राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर जोर देते रहे हैं कि एनएसजी को उनके मुख्य कार्यों पर केंद्रित किया जाना चाहिए.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एनएसजी का गठन देश की सुरक्षा में उच्च जोखिम वाले आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए किया गया था. इस नई व्यवस्था से हम एनएसजी की दक्षता और उनके प्रशिक्षण का सर्वोत्तम उपयोग कर पाएंगे.”
एनएसजी कमांडो को वीआईपी सुरक्षा से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और इस कार्य को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही, सुरक्षा के मोर्चे पर सीआरपीएफऔर सीआईएसएफ की भूमिका और जिम्मेदारियां बढ़ने की उम्मीद है.