हालिया खबरों के अनुसार रवांडा में मार्बर्ग वायरस के कारण लगभग छह लोगों की मृत्यु हो गई है. साथ ही इस वायरस से 26 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी हैं. बता दें कि यह वायरस मुख्यतः जंगली चमगादड़ विशेष रूप से राउसेस एजिप कस द्वारा फैलता है. वहीं इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति की रक्ततकों या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से यह अन्य व्यक्तियों में फैलता है. आइए अब जानते हैं मारबर्ग वायरस के बारे में फ्लू वायरस परिवार का सदस्य है, जिसमें इबोला वायरस भी शामिल है.
क्या है वायरस के लक्षण
यह एक गंभीर वायरल रोग है जो मानव और अन्य प्राणियों में गंभीर बुखार पैदा करता है. यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है और इससे लगभग 88 प्रतिशत तक मृत्यु हो सकती है. इस वायरस के कारण गंभीर उल्टी, रक्त श्राव, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र इत्यादि प्रभावित होते हैं. यह वायरस आमतौर पर चमगादड़ या प्राइमेट जैसे बंदर से मनुष्यों में फैलना शुरू होता है. बता दें कि इस वायरस का पता सबसे पहले 1967 में जर्मनी के मार्बर्ग और फ्रैंकफर्ट में एक साथ फैलने के बाद चला था, जिसका कारण प्रयोगशाला के कर्मचारी संक्रमित बंदरों के संपर्क में आए थे. साथ ही यह वायरस बाद में कई बार अफ्रीका के विभिन्न देशों में इसका प्रकोप देखने को मिला है. विशेषकर उगा और कांगो में.
मार्बर्ग वायरस के लक्षणों में शामिल हैं:
- हाई फीवर
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- उल्टी
- दस्त
- त्वचा पर चकत्ते
आइए जानते हैं रवांडा देश के बारे में
यह पूर्व मध्य अफ्रीका में भूमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित एक स्थल रुद्ध देश है. यह उत्तर में युगांडा पूर्व में तंजानिया दक्षिण में बुरुंडी और पश्चिम में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य किंशासा और कीवू झील से घिरा हुआ है. इसके प्रमुख जातीय समूह है हुत और तुत्सी जो कि कुल जनसंख्या का क्रमशः चौथा एवं पांचवा हिस्सा है. इसकी राजधानी किगा है जो देश के केंद्र में रुगा वा नदी पर स्थित है. बता दें कि इस देश की चार आधिकारिक भाषाएं हैं जिसमें रवांडा किनयारवांडा अंग्रेजी फ्रेंच और स्वाहिली की स्वाहिली है.