देश में लोकसभा चुनाव की समाप्ति हो चुकी है और अब राज्यसभा उपचुनाव की बारी है. राज्यसभा सचिवालय की तरफ से खाली हुई 10 सीटों को लेकर उपचुनाव का ऐलान किया गया है. इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर बताया गया है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सदस्यों की जीत के बाद ऊपरी सदन की 10 सीटें खाली हो गई हैं. राज्यसभा उपचुनाव के बाद सदन में बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए मजबूत होने वाला है, जबकि इंडिया गठबंधन और कांग्रेस की ताकत घटने वाली है.
राज्यसभा उपचुनाव में सारी सीटें बीजेपी-एनडीए गठबंधन के पास जाने वाली हैं. इसकी वजह ये है कि जिन राज्यों में उपचुनाव होने वाले हैं, वहां अभी बीजेपी-एनडीए की सरकार है. इस वजह से कांग्रेस को राज्यसभा की दो सीटों का नुकसान होगा. कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों केसी वेणुगोपाल और दीपेंद्र हुड्डा को लोकसभा चुनाव में जीत मिली है. वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं, जबकि हुड्डा हरियाणा से ऊपरी सदन के सदस्य हैं. अभी हरियाणा और राजस्थान में बीजेपी के पास बहुमत है.
हरियाणा में हो सकता है खेल
हालांकि, जेजेपी के एनडीए गठबंधन से अलग होने और कुछ महीनों बाद ही चुनाव होने की वजह से हरियाणा में होने वाले उपचुनाव में खेल की गुंजाइश है. अभी ये साफ नहीं है कि कांग्रेस हरियाणा के राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार देगी या नहीं. अगर ऐसा होता है तो भूपेंद्र हुड्डा अपनी पसंद के किसी नेता को उतार सकते हैं या फिर पार्टी के अंदर के प्रतिद्वंद्वी नेताओं को साधने के लिए चौधरी बिरेंद्र या किरण चौधरी जैसे किसी नेता को समर्थन दे सकते हैं.
क्या है राज्यसभा उपचुनाव का पूरा गणित?
राज्यसभा को जो 10 सीटें खाली हुई हैं, उसमें से 7 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. दो सीटें कांग्रेस के पास हैं, जबकि एक सीट आरजेडी के खाते में है. बिहार, महाराष्ट्र और असम से दो-दो सीटें खाली हुई हैं, जबकि राजस्थान, त्रिपुरा, हरियाणा और मध्य प्रदेश से एक-एक सीट खाली है. राज्यसभा उपचुनाव में बीजेपी को कांग्रेस के खाते वाली दो सीटों पर भी जीत मिलने वाली है. कांग्रेस की दो सीटें हरियाणा और राजस्थान से हैं, जहां अभी बीजेपी की बहुमत के साथ सरकार है.
ठीक ऐसे ही बिहार में भी अब बीजेपी की ही सरकार है. महाराष्ट्र और असम भी ऐसे ही दो राज्य हैं, जहां अभी बीजेपी सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार चला रही है. मध्य प्रदेश में बीजेपी के पूर्ण बहुमत वाली सरकार है. अगर त्रिपुरा की बात करें तो यहां पर भी बीजेपी की ही सरकार है. बिहार की दो सीटों में से एक सीट एनडीए और एक इंडिया गठबंधन को मिल सकती है. फिर भी बीजेपी के 10 में से 9 सीटों पर जीत हासिल करने का पूरा मौका है.