पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानी एनआरए बनाने का निर्णय लिया है. प्रस्तावित एनआरए, केंद्र सरकार में विभिन्न भर्तियों के लिए एक आम प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करेगा. यानी इसके तहत केंद्र सरकार के विभिन्न पदों के लिए सिर्फ एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का आयोजन किया जाएगा.
अब तक उम्मीदवारों को अलग-अलग परीक्षाएं देनी होती हैं, जो केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाती हैं. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली के अनुसार, केंद्र सरकार में हर साल औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार लगभग 1.25 लाख रिक्त पदों के लिए उपस्थित होते हैं.
जब इसे स्थापित कर दिया जाएगा, तब एनआरए एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगा और सीईटी स्कोर के आधार पर एक उम्मीदवार संबंधित एजेंसी के साथ वैकेंसी के लिए आवेदन कर सकता है.
शुरुआत में, यह ग्रुप बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों के लिए एक सीईटी का आयोजन करेगा, जो अब कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (एसएससी) और बैंकिंग बैंकिंग संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा किया जा रहा है. बाद में, इसके अंतर्गत और परीक्षाएंं लाई जा सकती हैं. एजेंसी में एसएससी, आईबीपीएस और आरआरबी के प्रतिनिधि होंगे.
परीक्षा तीन स्तरों के लिए आयोजित की जाएगी: स्नातक, उच्च माध्यमिक (12 वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास). हालांकि, वर्तमान भर्ती एजेंसियां- आईबीपीएस, आरआरबी और एससीसी – यथावत रहेंगी.
सीईटी स्कोर स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन परीक्षा के अलग-अलग विशिष्ट स्तरों (II, III, आदि) के माध्यम से किया जाएगा, जो संबंधित भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित किया जाएगा. हालांकि सीईटी के लिए पाठ्यक्रम एक ही होगा.