माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत से एक और झटका लगा है. गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए गैंगस्टर कोर्ट ने अंसारी को 10 साल कैद की सजा तथा पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया है.
1996 में दायर हुए 5 केस को लेकर दिए गए कोर्ट के इस फैसले का लोगों को लंबे समय से इंतजार था. अदालत के इस फैसले को लेकर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और परिसर में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.
माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ वाराणसी में अवधेश राय की हत्या का मामला सिगरा थाने में दर्ज हुआ था. यह बात 1991 की है जब अवधेश राय की सिगरा थाने में हत्या की गई थी. कहा जाता है कि मुख्तार ने खुद गोली चलाई थी और जीप की साइड मिरर में देखते हुए उल्टी तरफ गोली चलाई थी.
हत्या के पांच साल बाद मामले में केस दर्ज हुआ था. इसके अलावा मुख्तार अंसारी के खिलाफ राजेंद्र सिंह हत्याकांड, चंदौली में कॉन्सटेबल रघुवंश सिंह हत्याकांड, गाजीपुर में वशिष्ठ तिवारी उर्फ माला गुरु हत्याकांड के साथ ही गाजीपुर में एडिशनल एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. अंसारी अभी जेल में हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रयागराज की एक अदालत में पेश करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि पांच बार के पूर्व विधायक अंसारी उत्तर प्रदेश के बांदा में एक जेल में बंद हैं. ईडी ने पिछले साल इस मामले में 59 वर्षीय नेता से पूछताछ की थी. मुख्तार अंसारी जमीन हथियाने, हत्या और वसूली समेत अन्य आरोपों पर उनके खिलाफ दर्ज कम से कम 49 आपराधिक मामलों के संबंध में ईडी की जांच के घेरे में हैं. वह हत्या के प्रयास और हत्या समेत कई मामलों में उत्तर प्रदेश में मुकदमों का सामना कर रहे हैं.