आधुनिकता ने जितना लोगों को फायदा पहुंचाया है, उतने ही इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं. साइबर सेल में रोजाना हजारों मामले साइबर फ्रॅाड के सामने आते हैं. जिनपर लगाम लगाने के लिए सरकार ने देश के लगभग 20 लाख नंबर्स को बंद करने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि इन 20 लाख संदिग्ध सिमों को बंद करने में सरकार का साथ टेलीकॅाम कंपनियां भी देंगी. कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इन संदिग्ध सिमों के खिलाफ जांच की थी. इसमें पाया गया कि इन सिम कार्ड की मदद से कई तरह के वित्तीय अपराध किए जा रहे हैं. जिसके बाद इन्हें बंद करने करने का फैसला लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक-एक मोबाइल में हजारों की संख्या में सिम यूज हो रहे हैं. डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिकेशंस ने टेलीकॉम कंपनियों ने आदेश दिया था कि 28220 मोबाइल फोन और लगभग 20 लाख सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल किए जाने की आशंका है. बताया जा रहा है कि अब ऐसे सिमों को चिंहित करने का काम किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि चिंहित होते ही इन सिमों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. आपको बता दें कि आजकल बड़े से बड़े अपराध के पीछे मोबाइल और सिम ही होते हैं..
आपको बता दें कि पिछले साल भी सरकार ने टेलीकॅाम कंपनियों की मदद से लगभग 2 लाख सिमों को बंद किया था. यही नहीं हरियाणा के मेवात में हुए दंगों में भी लगभग 37 हजार सिमों को बंद किया गया था. साइबर सेल का मानना है कि आजकल सभी बड़े क्राइम के पीछे सिमों का मिसयूज ही निकलकर आता है. क्योंकि एक-एक आधार कार्ड पर 20-20 सिम भी दिये हुए हैं. ऐसे सभी सिमों को भी बंद किया जाना चाहिए. क्योंकि गाइडलाइन के मुताबिक एक आधार कार्ड पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होना अवैध है.