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मोदी सरकार ने मार्क जकरबर्ग की टिप्पणी पर दिखाई सख्ती, मेटा ने मांगी भारत से माफी

मेटा के सीईओ और फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग के एक बयान के लिए अब मेटा ने माफी मांगी है. कंपनी ने कहा है कि यह गलती अनजाने में हुई है. इस पर मेटा इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर खेद जताया. इस बात की जानकारी आईटी और कम्युनिकेशन मामलों के संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी. बता दें कि दुबे ने मंगलवार को कहा था कि मार्क जकरबर्ग की टिप्पणी के लिए संसदीय समिति मेटा को समन भेजेगी.

इस मामले पर आईटी और कम्युनिकेशन मामलों के संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारतीय संसद व सरकार को 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद व जन विश्वास प्राप्त है. मेटा भारत के अधिकारी ने आखिर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी है. यह जीत भारत के आम नागरिकों की है,माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बना कर दुनिया के सामने देश के सबसे मज़बूत नेतृत्व से परिचय करवाया है. अब इस मुद्दे पर हमारे कमिटि का दायित्व ख़त्म होता है, अन्य विषयों पर हम इन सोशल प्लेटफ़ॉर्म को भविष्य में बुलाएंगे, क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो. जय संसद,जय भारत.”

बता दें कि फेसबुक के फाउंडर और मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने जो रोगन के एक पॉडकास्ट में भारत को लेकर गलत जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि, ‘कोविड-19 के बाद हुए चुनाव में दुनिया भर की कई सरकार हारी हैं, जिसमें भारत भी शामिल है.’ मार्क जुकरबर्ग ने आगे कहा था कि, ‘सरकारों की हार दिखाती है कि कोविड महामारी के बाद लोगों का भरोसा कम हुआ है.’

मार्क जुकरबर्ग की इस टिप्पणी के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी एक पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंन लिखा था कि, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत में 2024 में हुए चुनाव में 64 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया. भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करने वाली एनडीए सरकार पर भरोसा जताया.”

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