26/11 मुंबई आतंकी हमला भुलाए नही भुलता. 2008 में पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में अलग-अलग जगहों पर बम धमाकों, गोलीबारी और साथ ही लोगों को बंधक बनाते हुए अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया था. इस आतंकी हमले में 175 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 166 नागरिक और 9 आतंकी थे.
साथ ही 300 से ज़्यादा लोग इस आतंकी हमले में घायल भी हो गए थे. इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था और इसी आतंकी संगठन के 10 आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था. 10 में से सिर्फ एक आतंकी अजमल कसाब ही इस हमले में ज़िंदा बच गया था, जिसे 2012 में फांसी दे दी गई थी. इस हमले की साजिश रचने में तहव्वुर हुसैन राणा की भी अहम भूमिका थी. पर अभी तक उसे भारत नहीं लाया जा सका. पर अब भारत सरकार को इस मामले में एक बड़ी कामयाबी मिल गई है.
63 साल का तहव्वुर इस समय अमेरिका की एक जेल में बंद है. भारत सरकार काफी समय से उसे देश लाने की कोशिश की जा रही है जिससे उसके खिलाफ ज़रूरी कार्रवाई की जा सके. पर अब जल्द ही तहव्वुर को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा.
भारत सरकार के अनुरोध पर अमेरिकी सरकार ने भी तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दे दी थी. भारत-अमेरिका की प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी गई. अब अमेरिका की एक जिला अदालत ने भी अमेरिकी सरकार की मंज़ूरी के बाद तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को ग्रीन सिग्नल दे दिया है. इस बात की जानकारी एक अमेरिकी वकील ने दी है.