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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे: रुझानों में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति को बहुमत, जानें महा विकास अघाड़ी का हाल

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती शुरू होने के कुछ देर बाद रुझान आने लगे हैं. राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाली महायुती और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी के बीच है. एग्जिट पोल में महायुती को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना है.

महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों के शुरूआती रुझानों में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति को बहुमत मिल गया है. वह 150 सीटों पर आगे चल रही है. 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधान सभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. उधर कांग्रेस नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी रुझानों में काफी पीछे चल रही है. वह केवल 53 सीटों पर ही आगे है, जबकि अन्य 5 सीटों पर आगे चल रहे हैं.

यदि बात करें चुनाव आयोग के आंकड़ों का तो इसके शुरूआती रुझानों में महायुति की भाजपा 71 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं उसका घटक दल शिवसेना शिंदे गुट 34 सीटों पर आगे चल रही है. अजित पवार की एनसीपी 27 सीटों पर आगे है. वहीं विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी की शरद पवार की एनसीपी 19 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस 15 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना भी 15 सीटों पर आगे है.

इस विधान सभा चुनाव में महायुति की भाजपा 149 सीटों पर चुनाव लड़ी है, वहीं शिवसेना 81 सीटों पर लड़ी, जबकि अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा.

वहीं महा विकास अघाड़ी गठबंधन की कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार उतारे थे, जबकि शिवसेना (यूबीटी) 95 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रही है. वहीं शरद पवार गुट की एनसीपी ने 86 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.

सबकी नजर राज्य के मराठवाड़ा और विदर्भ के इलाकों पर है. इन दोनों क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा था. वैसे तो अधिकतर एग्जिट पोल में महायुती को स्पष्ट बहुमत मिलने के बात कही गई है. लेकिन, बीते लोकसभा चुनाव में जिस तरह से राज्य के नतीजे आए थे उससे लगता है कि मुकाबला कांटे की है. राज्य की सभी सीटों के लिए एक चरण में 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. इस चुनाव से कई नेताओं और पार्टियों का भविष्य भी तय होगा. शिवसेना और एनसीपी दोफाड़ हो गई थी. अब उसके बाद से यह पहला चुनाव है. ऐसे में इस चुनाव से तय होगा कि असली शिवसेना और असली एनसीपी के असली उत्तराधिकारी कौन हैं. इस चुनाव में बड़ी संख्या में निर्दलीय और बागी भी मैदान में हैं. कई सीटों पर वे दोनों गठबंधनों के गणित बिगाड़ने वाले हैं.

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