भारतीय किचन मिर्च के बिना अधूरी मानी जाती है. कुछ लोग अधिक मिर्च खाना पसंद करते हैं तो कुछ कम मिर्च से ही काम चला लेते हैं. लेकिन उनके किचन में मिर्च अनिवार्य रूप से होती है. मसलन कई लोग हैं जो लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च खाना पसंद करते हैं और घर के किचन गार्डन में मिर्ची का पेड़ जरूर रखते हैं.
कई लोग मिर्च का प्रयोग खाने में रंग लाने के लिए करते हैं तो कुछ लोगों को तीखेपन के बिना खाना बेस्वाद लगता है. यही वजह है कि भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मिर्च की चरह-तरह की प्रजातियां मिलती हैं.
इन प्रजातियों का अलग स्वाद और तीखापन है. मसलन कश्मीर की मिर्च अपने लाल रंग के लिए प्रचलित है तो नॉर्थ इस्ट की भूत जोलकिया मिर्च प्रजाति अपने जबरदस्त तीखेपन के लिए दुनियाभर में जानी जाती है.
आइए आज हम आपको बताते है कि भारत के अलग-अलग हिस्सों की मिर्चों की क्या खासियत है.
1.कश्मीर की कश्मीरी मिर्च-: यह मिर्च कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में उगाई जाती है. यह अपने गहरे लाल रंग के लिए जानी जाती है. यह स्वाद में ज्यादा तीखी नहीं होती, जिस वजह से इसका प्रयोग खाने के रंग को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
2.नॉर्थ ईस्ट की भूत जोलकिया-: जैसा की नाम से ही पता चलता है कि भूत जोलकिया मिर्च अपने अत्यधिक तीखेपन के लिए दुनियाभर में प्रचलित है. इसे घोस्ट पेपर भी कहा जाता है. यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च है जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. इसकी खेती अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मणिपुर में की जाती है. इसे फरमेंटेड फिश या पोर्क में मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है.
3.गुजरात की ज्वाला मिर्च-: भारतीय घरों में ज्वाला मिर्च काफी लोकप्रिय है. यह गुजरात के दक्षिणी हिस्सों में उगाई जाती है. यह स्वाद में बहुत ही तीखी होती है और चटनी, अचार और कुकिंग आदि में इसका प्रयोग किया जाता है.
4.आंध्र प्रदेश की गुंटूर मिर्च -:दक्षिण भारतीय मसालेदार खाने का मुख्य कारण ये मिर्च ही है. गुंटूर मिर्च अब भारत के लगभग हर हिस्से में प्रयोग की जा रही है. दुनियाभर में इसका निर्यात भी किया जा रहा है.
5.तमिलनाडू की मुंडू मिर्च-: साइज में छोटी और गोल आकार की यह मिर्च स्वाद में अनोखी है. इस मिर्च की स्किन पतली होती है और इसमें गूदा अधिक होता है.