भारत और कनाडा के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद जिस तरह का बवाल छिड़ा है. उसने उनके पिता और कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पियरे इलियट ट्रूडो की याद भी दिला दी है. ट्रूडो के खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका होने का दावा करने के बाद से ही विवाद पैदा हो गया है. लेकिन बेहद ही कम लोगों को मालूम है कि पियरे इलियट ट्रूडो के दौर में भी भारत-कनाडा के संबंध खराब हुए थे.
जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री के तौर पर 2018 में भारत आने से पहले उनके पिता जनवरी 1971 में भारत के दौरे पर आए थे. कनाडाई विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी गार पार्डी ने एक किताब में उनके दौरे का जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि किस तरह पियरे ट्रूडो ताज महल देखने गए. उनका ये दौरा पांच दिनों का था. कहा जाता है कि भारत-कनाडा के बीच खराब रिश्तों की शुरुआत पियरे के कार्यकाल में ही हुई. मुद्दा खालिस्तान नहीं, बल्कि भारत का पहला परमाणु विस्फोट था.
किस तरह रिश्ते खराब होने की हुई शुरुआत?
दरअसल, कनाडा ड्यूटेरियम यूरेनियम (CANDU) रिएक्टर ने परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए यूरेनियम के इस्तेमाल की इजाजत दी. इससे भारत जैसे देशों को फायदा मिला. मगर इससे प्लूटोनियम तक भी पहुंच मिली, जो परमाणु बम बनाने में इस्तेमाल होता है. अमेरिका और कनाडा दोनों ने भारत को परमाणु ऊर्जा हासिल करने में मदद की. उनकी मदद से CIRUS न्यूक्लियर रिएक्टर बनाया गया, जो जुलाई 1960 में चालू हो गया.
तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो ने कहा कि प्रोग्राम का मकसद शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है. अगर भारत परमाणु हथियार बनाएगा, तो कनाडा परमाणु सहयोग खत्म कर देगा. 1974 में भारत ने पोखरण में पहला परमाणु विस्फोट भी कर दिया. इसके लिए CIRUS रिएक्टर के प्लूटोनियम की मदद ली गई. भारत ने कहा कि ये शांतिपूर्ण मकसद से किया गया है. लेकिन पियरे ट्रूडो की सरकार ने भारत के परमाणु प्रोग्राम से सपोर्ट वापस ले लिया.
इस तरह कनाडा और भारत के रिश्तों के बीच तनाव की शुरुआत हुई. हालांकि, सिर्फ पोखरण परीक्षण ही खराब रिश्तों के केंद्र में नहीं था, बल्कि खालिस्तान का मुद्दा भी विवाद की वजह बना. दरअसल, पियरे ट्रूडो की सरकार खालिस्तानी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगा रही थी. इसकी वजह से कनाडा पर भीषण आतंकी हमला भी हुआ, जिसमें 300 से ज्यादा लोग मारे गए. बब्बर खालसा के आतंकी तलविंदर सिंह परमार ने टोरंटो से लंदन जा रहे विमान को उड़ा दिया था.