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Tamil Nadu Hooch Case: जेपी नड्डा ने खड़गे को लिखा पत्र, कांग्रेस पार्टी की चुप्पी पर उठाए सवाल

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तमिलनाडु में अवैध शराब से हुई मौतों को लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि मैं हैरान हूं कि जब इतनी बड़ी आपदा आई है, तो आपके नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने इस पर चुप्पी साध रखी है. इस समय, भाजपा और पूरा देश वास्तव में मांग करता है कि आप द्रमुक-इंडिया गठबंधन की तमिलनाडु सरकार पर सीबीआई जांच के लिए दबाव डालें और मुथुस्वामी को मंत्री पद से तत्काल हटाने को सुनिश्चित करें.

नड्डा ने आगे लिखा कि हम आपसे यह भी आग्रह करते हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को या तो पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए कहें या कम से कम इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने का साहस जुटाएं न कि अपमानजनक चयनात्मक, पाखंडी चुप्पी बनाए रखें. उन्होंने कहा कि मैं आपको इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं हमारे नेताओं ने संसद परिसर में प्रेरणा स्थल के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने इस “राज्य प्रायोजित आपदा” के खिलाफ काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

इससे पहले तमिलनाडु में जहरीली शराब त्रासदी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमला बोला और इस मुद्दे पर कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के शीर्ष नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की और कांग्रेस से कहा कि वह इस मुद्दे को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज नहीं कर सकती क्योंकि द्रमुक उसकी सहयोगी है.

भाजपा ने यह उम्मीद भी जताई कि इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलने वाले विपक्षी गठबंधन के नेता संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एकत्रित होकर और पीड़ितों के लिए मौन रखकर कम से कम पश्चाताप तो करेंगे.

सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं इस घटना से स्तब्ध हूं और इस घटना की कड़ी निंदा करती हूं. मुझे इससे भी ज्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ है कि कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहां हैं? राहुल गांधी कहां हैं? क्या उन्हें तमिलनाडु के लोगों के प्रति कोई सहानुभूति या परवाह नहीं है? क्या उन्हें तमिलनाडु के अनुसूचित जातियों की कोई परवाह नहीं है?’’

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