एनडीए सरकार: जेडीयू की इन मिनिस्ट्री पर है नजर, जानिए किन सांसदों पर रहेगी नजर!

देश की 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. बीजेपी नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. गठबंधन के पास 293 सीट का बड़ा स्कोर है जिसके साथ नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.

एनडीए के इस आंकड़े में हालिया गठबंधन जेडीयू का भी अहम रोल है. जेडीयू 12 लोकसभा सीटों के साथ गठबंधन का प्रमुख सहयोगी दल बना हुआ है. यही कारण है कि अब जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार न सिर्फ प्रदेश बल्कि अपने सांसदों के लिए भी अहम मंत्रालयों की मांग कर सकते हैं.

एनडीए में टीडीपी के बाद दूसरे नंबर की पार्टी नीतीश कुमार की JDU बन गई है. यही वजह है कि जेडीयू भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में अहम मंत्रालयों को हासिल करने की दौड़ में शामिल हो गई है. सूत्रों की मानें तो कैबिनेट में महत्वपूर्ण मंत्रालयों के लिए बातचीत करने के लिए जीती हुई 12 सीटों का लाभ उठाने की योजना बनाई है, जिसमें प्रतिष्ठित रेल मंत्रालय भी शामिल हैं.

समर्थन की चुकाना होगी कीमत?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो जेडीयू के समर्थन की बीजेपी को कीमत चुकानी होगी. ये कीमत उनकी मांग के पूरा कर चुकाई जा सकती है. 2019 के उलट जब जेडीयू ने 16 सीटें जीती थीं, लेकिन उसे एक मंत्री पद की पेशकश की गई थी, क्योंकि बीजेपी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था. लेकिन इस बार हालात अलग है, नीतीश कुमार पर इंडिया गठबंधन की भी निगाहें हैं. इस बार उसे मिली 12 सीटें कहीं अधिक मूल्यवान हैं.

इन मंत्रालयों पर जेडीयू की नजर
सूत्रों की मानें तो जेडीयू की नजरें कुछ अहम मंत्रालयों पर है. इसमें रेलवे, ग्रामीण विकास और जल शक्ति मंत्रालय प्रमुख रूप से शामिल हैं. इसके अलावा अगर दूसरे विकल्प पर बात करना होगी तो इनमें परिवहन और कृषि हो सकते हैं.

क्यों इन्हीं मंत्रालयों पर रह सकता है जोर
JDU के एक नेता के मुताबिक, नीतीश एनडीए सरकार में रेलवे, कृषि और परिवहन मंत्रालय संभाल चुके हैं. इसके अलावा जेडीयू के सांसद ऐसे विभाग संभालें जो राज्य के विकास में मदद कर सकें. बिहार में जल संकट के साथ-साथ घटते जल स्तर और बाढ़ की चुनौतियों का सामना करने के लिए जल शक्ति महत्वपूर्ण है. इसके सहारे जेडीयू नदी परियोजनाओं को आपस में जोड़ने पर भी जोर दे सकती है.

इसी तरह ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण बुनियादी ढांचे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में अहम रोल निभा सकता है. वहीं रेलवे का मिलना निश्चित रूप से बिहार के लिए गर्व की बात होगी.

किन सांसदों पर रहेगी नजर
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के जिन सांसदों पर नजर रहेगी उनमें पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर के सांसद ललन सिंह, इनके उच्च जाति में अच्छी पकड़ भी बताई जाती है. इसके अलावा झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल, इन्हें ईबीसी नेता भी कहा जाता है. इसके साथ-साथ वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार, इनका होल्ड कुशवाहा समुदाय पर है.

इन तीनों के अलावा सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा भी दौड़ में हो सकते हैं, लेकिन नीतीश के साथ अपने पुराने संबंधों के कारण ललन सिंह को बढ़त मिल सकती है.

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