मिडिल ईस्ट से लेकर रूस और यूक्रेन तक जंग ही जंग हो रही है. ऐसे में सबकी नजर इस बात पर थी है कि शांति का नोबेल पुरस्कार इस बार किसे मिलेगा. दुनिया में अलग-अलग जगहों पर चल रहे संघर्षों के बीच नोबेल शांति पुरस्कार विजेता का ऐलान हो गया है. जापान की संस्था निहोन हिडानक्यो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है. जापान की यह संस्था ‘परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया’ की वकालत करती है.
दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए परमाणु बम विस्फोटों के पीड़ितों के लिए यह जापानी संस्था निहोन हिडानक्यो काम करती है. साथ ही दुनिया पूरी तरह से परमाणु हथियारों मुक्त हो, इसके लिए यह संस्था पूरी दुनिया में काम करती है. यही वजह है कि इजरायल-हिजबुल्लाह जंग और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इस संस्था को नोबेल शांति पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है. यह संगठन हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम विस्फोटों के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करता है.
नोबेल समिति की मानें तो इस संस्था को परमाणु मुक्त दुनिया की वकालत करने और परमाणु युद्ध की भयावहता पर उसके काम के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है.नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने निहोन हिडानक्यो को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया है. 1956 में बना निहोन हिडानक्यो जापान में परमाणु बम हमलों में बचे लोगों का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली संगठन है. इसका मिशन परमाणु हथियारों के विनाशकारी मानवीय परिणामों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना रहा है.
नोबेल समिति ने परमाणु हथियारों के खिलाफ वैश्विक विरोध उत्पन्न करने और उसे बनाए रखने के उनके अटूट प्रयासों के लिए निहोन हिडांदक्यो की प्रशंसा की. जापान में परमाणु बम विस्फोटों को लगभग 80 साल बीत जाने के बावजूद भी परमाणु हथियार दुनिया के लिए खतरा बने हुए हैं. यह पुरस्कार वैश्विक शांति के लिए बढ़ते खतरों की एक सख्त याद दिलाता है. समिति ने कहा कि परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है. जैसे-जैसे नए खतरे सामने आ रहे हैं, उनके इस्तेमाल के खिलाफ मानदंड दबाव में है.