दुनियाभर में हर साल आज के दिन यानी 9 अक्तूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है. इस दिन को स्विट्जरलैंड के बर्न में 1874 ईस्वी में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की स्थापना की याद में मनाया जाता है. इसके बाद 1 जुलाई, 1876 में भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना था. बता दें कि इस सदस्यता को लेने वाला भारत एशिया का पहला देश है. फिर 1 अक्टूबर, 1854 में भारत सरकार ने डाक के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की थी.
इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को डाक सेवाओं और डाक विभाग के बारे में जागरूक करना है.
क्या है विश्व डाक दिवस का इतिहास
इस दिवस की स्थापना में भारत की भी भूमिका है. साल 1969 में यूपीयू कांग्रेस द्वारा जापान के टोक्यो में आयोजित एक सम्मेलन में 9 अक्तूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था. इसका प्रस्ताव भारतीय दल के एक सदस्य श्री आनंद मोहन नरूला ने दिया था और उसके बाद से यह हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाने लगा जिससे लोगों को डाक सेवाओं की अहमियत का पता चल सके.
Apart from connecting people, postal services have an important contribution to socio-economic development. This year's theme is Innovate to recover. #WorldPostDay #AmritMahotsav pic.twitter.com/lehwHgT0Kq
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) October 9, 2021