लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर अब तक सैकड़ों करोड़ की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं. सूत्रों के मुताबिक, 30 मई की शाम तक आयकर विभाग ने लोकसभा चुनाव के दौरान 1100 करोड़ रुपये की नकदी और जेवर जब्त किए हैं.
जो 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 182 प्रतिशत अधिक है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस तरह की कार्रवाई करते हुए 390 करोड़ रुपये की नकदी और गहने जब्त किए थे.
बता दें कि चुनाव आयोग ने इस साल 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. इसके बाद ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. उसके बाद से आयकर विभाग ने एक तय सीमा से अधिक की नकदी और सोने-चांदी के आभूषण ले जाने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. तब से लेकर अब तक आयकर विभाग ने 1100 करोड़ रुपये की नकदी और जेवर जब्त कर लिए. जो संभावित रूप से मतदाताओं को प्रभावित कर सकते थे.
सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक जब्ती के मामले में राजधानी दिल्ली और कर्नाटक में सामने आए हैं. जहां प्रत्येक राज्य में 200 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं. वहीं दूसरे स्थान पर तमिलनाडु रहा, जहां 150 करोड़ रुपये की जब्ती हुई. इसके बाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में सामूहिक रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं.
बता दें कि भारत के चुनाव आयोग (ECS) ने 16 मार्च को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू होने की घोषणा की, इसी के साथ देशभर में 16 मार्च से आचार संहिता लागू हो गई. दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जो आंदोलन की निगरानी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. बता दें कि नकदी, शराब, मुफ्त वस्तुएं, ड्रग्स, आभूषण और अन्य वस्तुएं जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं.
प्रत्येक राज्य ने नकदी की अवैध आवाजाही की जांच करने के लिए 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, जिसका उपयोग राजनेताओं द्वारा चुनावों में किया जा सकता है. एमसीसी सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर लागू होता है, जिसका उद्देश्य अनैतिक प्रथाओं को रोकना और नैतिक आचरण को बढ़ावा देना है.
आचार संहिता के दौरान कितनी नकदी रखना वैध
बता दें कि चुनाव की आचार संहिता के दौरान कोई भी व्यक्ति 50,000 रुपये से अधिक नकदी या 10,000 रुपये से अधिक मूल्य की नई वस्तुएं बिना किसी सहायक दस्तावेज़ के ले जाते हुए पाए जाता है. उसे आयकर विभाग जब्त कर लेता है. यदि व्यक्ति यह साबित करने वाले वैध दस्तावेज़ प्रदान करता है कि सामान का चुनाव से कोई संबंध नहीं है तो उसे वापस कर दिया जाएगा. हालांकि, यदि जब्त की गई नकदी 10 लाख रुपये से अधिक है, तो इसे आगे की जांच के लिए आयकर विभाग को भेज दिया जाएगा.