चंडीगढ़| डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम के लिए राहत की खबर है. डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड मामले में डेरा मुखी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है. इस मामले में डेरा मुखी सहित 5 दोषियों को बरी किया.
जानकारी के अनुसार, 22 साल पुराना यह मामला है, जिसमें 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने डेरा मुखी राम रहीम को दोषी करार दिया था. रामरहीम फिलहाल, जेल में बंद है और पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में उसे सजा हुई है.
दरअसल, 10 जुलाई 2002 का यह मामला है. डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी.
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. उसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया था और फिलहाल, अक्तूबर 2021 में डेरा मुखी सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था.
इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे. हालांकि, शुरूआत में इस मामले में रामरहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई. फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को आरोपियों में शामिल किया गया.
इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से सजा रद्द करने के बाद भी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह जेल में ही रहेगा. क्योंकि दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसे वह काट रहा है. राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने इन मामलों में दोषी करार दिया था.