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केन्द्रीय कर्मचारियों की फिर आई मौज, जुलाई में इतनी बढ़ जाएगी सैलरी

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जुलाई माह केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बेहद खास होता है. क्योंकि इस माह में कर्मचारियों के खाते में जमकर धनवर्षा होती है. इस बार सभी केन्द्रीय कर्मचारियों व पेंशनर्स के खाते में धनवर्षा की पटकथा लिखी जा चुकी है. जी हां नई सरकार के गठन के बाद केन्द्रीय कर्मचारियों के न सिर्फ डीए की बढोतरी होगी, बल्कि बेसिल सैलरी में भी इजाफा होने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि जुलाई माह में दोनों की खुशी कर्मचारियों को मिलेगी. हालांकि आपको बता दें कि अभी तक चुनाव की वजह से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि फाइल तैयार है, सिर्फ औपचारिक घोषणा होना ही शेष है…

आपको बता दें कि इससे पहले जनवरी माह में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा किया गया था. जिसके बाद कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए मिलने लगा था. चूंकि कर्मचारियों के वेतन की गणना साल में दो बार होती है. इसलिए इस बार भी केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा करने की प्लानिंग है. यानि जुलाई में कर्मचारियों को 54 फीसदी तक महंगाई भत्ता मिलेगा. यही नहीं जानकारों का मानना है कि बेसिक सैलरी में भी इस बार इजाफा होना तय है. यानि केन्द्रीय कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपए से बढ़कर 26000 करने की तैयारी सरकार की है…

आपको बता दें कि यदि आपकी सैलरी 50,000 रुपए हैं तो 4 फीसदी महंगाई भत्ते में इजाफा होने से 2000 रुपए का इजाफा सैलरी में हो जाएगा. यानि सालाना आपको 24,000 रुपए पहले से ज्यादा मिलेंगे. इसी प्रकार जिस कर्मचारी की सैलरी 70 हजार है रुपए है उसे 2800 रुपए प्रतिमाह ज्यादा मिलने शुरू हो जाएंगे. बताया जा रहा है कि जुलाई की सैलरी में ये बढ़ा हुआ डीए जुड़कर आने की संभावना है. हालांकि आपको बता दें कि सरकार कितना डीए इस बार बढाएगी इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

ऐसे होती है डीए की गणना
जानकारी के मुताबिक, डीए और डीआर बढ़ोतरी अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू के 12 महीने के औसत में प्रतिशत वृद्धि के आधार पर तय की जाती है. यह संसोधन 1 जनवरी व जुलाई माह में ही किया जाता है. वहीं महंगाई भत्ते और वेतन वृद्धि के अलावा, कर्मचारियों के लिए HRA (मकान किराया भत्ता) का प्रावधान है. यह कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा है जो नियोक्ता द्वारा किराए के आवास पर होने वाले खर्चों के लिए दिया जाता है.

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