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जम्मू-कश्मीर एग्जिट पोल्स 2024: किसी भी पार्टी को साफ बहुमत नहीं, देखें एग्जिट पोल्स के नतीजे

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जम्मू-कश्मीर में एग्जिट पोल्स के नतीजों में किसी भी पार्टी को साफ बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं फारुख अबदुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को लेकर लोगों में दीवानगी देखने को मिल रही है.

सर्वे में जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं, जिससे वो सरकार बनाने के करीब है. यहां बीजेपी सत्ता से दूर होती दिख रही है फिर भी जम्मू में बीजेपी का जलवा बरकरार है.

जम्मू क्षेत्र में कुल 43 सीट हैं और एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा यहां अपनी पकड़ को बनाए हुए है. वहीं INDIA ब्लॉक को भी जम्मू में समर्थन मिलता दिख रहा है. दूसरी ओर पीडीपी को यहां नुकसान हो सकता है, जबकि अन्य दलों के लिए स्थिति और भी खराब होती हुई दिखाई पड़ रही है.

सी-वोटर के सर्वे में क्या?
जम्मू-कश्मीर में सी-वोटर सर्वे में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 40-48 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं बीजेपी को 27-32 सीटें, पीडीपी को 6-12 सीटें, और अन्य को 6-10 सीटें मिलती दिख रही है. गुलिस्तां न्यूज जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को 28-30 सीटें, कांग्रेस को ​​03-06 सीटें, एनसी को 28-30 सीटें, पीडीपी को 05-07 सीटें, और अन्य को 08-16 सीटें दे रहा है.

Peoples pulse के सर्वे में BJP को 27 सीटें
Peoples pulse के सर्वे के अनुसार जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में 30 से अधिक सीटें जीत रही है. एनसी: 33-35 सीटें, बीजेपी: 23-27 सीटें, कांग्रेस: ​​13-15 सीटें, पीडीपी: 7-11 सीटें, एआईपी: 0-1 सीट, अन्य को 4-5 सीटें मिलती दिख रही हैं. इस सभी पोल्स में जम्मू-कश्मीर के वोटर फारुख अब्दुल्ला के दीवाने दिख रहे हैं.

5 विधायकों के मनोनयन पर बवाल
जम्मू-कश्मीर में एग्जिट पोल के नतीजे आने से पहले ही 5 विधायकों के मनोनयन की खबर को लेकर बवाल भी होने लगा है. खास बात ये है कि नई सरकार के गठन में भी मनोनीत विधायकों की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है. इस पर कांग्रेस का कहना है कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी का ऐसा कोई भी कदम लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतो पर हमला होगा.

गुलिस्तां न्यूज के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को 28-30 सीटें मिलने की संभावना है. यहां बीजेपी: 28-30 सीटें, कांग्रेस: ​​03-06 सीटें, एनसी: 28-30 सीटें, पीडीपी: 05-07 सीटें, अन्य: 08-16 सीटें पाती हुई दिख रही है.

जम्मू-कश्मीर में सी-वोटर सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को 40-48 सीटें जीतने का अनुमान है.सी-वोटर अपने सर्वे में एनसी+: 40-48 सीटें, बीजेपी: 27-32 सीटें, पीडीपी: 6-12 सीटें, और अन्य: 6-10 सीटें दे रहा है.

Peoples pulse के अनुसार जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में 30 से अधिक सीटें जीत रही है. एनसी: 33-35 सीटें, बीजेपी: 23-27 सीटें, कांग्रेस: ​​13-15 सीटें, पीडीपी: 7-11 सीटें, एआईपी: 0-1 सीट, अन्य को 4-5 सीटें मिलती दिख रही हैं.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के शुरुआती एग्जिट पोल्स के नतीजों में एनसी गठबंधन को जीत मिलती हुई दिख रही है. वहीं बीजेपी जीत में पिछड़ गई है.

गुलिस्तान न्यूज के मुताबिक, बीजेपी को जम्मू-कश्मीर में 28-30 सीटें मिलने की संभावना है.

सी-वोटर ने जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें बीजेपी को 27-31, एनसी+कांग्रेस को 11-15, पीडीपी को 0-2 और अन्य के खाते में 01 सीट आने का अनुमान बताया है.

जम्मू-कश्मीर में एग्जिट पोल के रुझान
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पिछला चुनाव 2014 में हुआ था. जम्मू-कश्मीर में 2014 के चुनाव में, एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जिसमें महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को बढ़त दी थी, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और फिर कांग्रेस को पीछे रखा था.

2014 के एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां
2014 के एग्जिट पोल के नतीजों में, पीडीपी को 32-38 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की भविष्यवाणी की गई थी, जो 44 सीटों के जादुई आंकड़े को पार करने से पीछे रह गई. इसके बाद बीजेपी को 27-33 सीटें दी गई दी. वहीं एनसी को 8-14 सीटें और कांग्रेस को 4-10 सीटें दी गई थीं.

जम्मू-कश्मीर में 2014 का चुनाव परिणाम क्या था?
अंतिम जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014 के परिणामों में, पीडीपी ने 28 सीटें, भाजपा ने 25, एनसी ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीतीं थी. इन परिणामों में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिली थी. 2014 का एगिजट पोल चुनाव परिणाम के करीब देखने के लिए मिला था.

2024 में जम्मू-कश्मीर पर लोगों की खास नजर
जम्मू-कश्मीर में 2019 में धारा 370 हटने के बाद 2024 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इन चुनावों को लेकर देश भर के लोगों में खास दिलचस्पी है. देश की जनता देखना चाहती है कि जम्मू और लद्दाख अलग होने के बाद वहां के लोग किसको अपना समर्थन देते हैं. फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जो कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है उसको या फिर महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को या फिर बीजेपी सत्ता में वापसी करेगी?

एग्जिट पोल क्या होता है?
एग्जिट पोल में पोलिंग बूथ से वोट डालकर वापस आने वाले लोगों से एक सर्वें किया जाता है. कुछ सवालों के द्वारा मतदाता के दिमाग को पढ़ने की कोशिश की जाती है कि उसने किन मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट किया है. इन सवालों के जवाव का एनालिसिस किया जाता है और इसके आधार पर चुनावी नतीजों का अनुमान लगाया जाता है. यह प्रकिया एग्जिट पोल कहलाती है. भारत में कई सारी एजेंसियां एग्जिट पोल करवाती हैं.

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