वाराणसी में गंगा आरती के समान राजधानी में यमुना आरती के लिए विशेष घाट का उद्घाटन हो गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को यमुना नदी के किनारे बनाए गए वासुदेव घाट का उद्घाटन किया। इस परियोजना को यमुना नदी के बाढ़ के मैदानों को बहाल करने और पुनर्जीवित करने के लिए एक और मील का पत्थर माना जा रहा है।
इस मौके पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बताया कि यमुना घाट के अतिरिक्त, यमुना बाढ़ के मैदानों और अन्य घाटों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है ताकि उन्हें पुनर्जीवित किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन प्रक्रियाओं से न केवल यमुना के किनारों का पुराना चार्म वापस आएगा, बल्कि लोगों को यहाँ आकर सुखद अनुभव भी होगा।
यमुना दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण विरासत है, और हम सबका दायित्व है कि हम यमुना के प्रति अपनी जागरूकता बढ़ाएं और यमुना के संरक्षण में जिम्मेदारी और सजग रहें। यमुना घाट 16 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और यह प्रोजेक्ट पश्चिमी तट पर वजीराबाद से पुराने रेलवे ब्रिज तक 66 हेक्टेयर घाटों के पुनर्जीवन की दिशा में डीडीए की एक पहल का हिस्सा है।
इस स्थान पर साइकिलिंग ट्रैक और पैदल चलने का क्षेत्र तैयार किया गया है, साथ ही हरे लॉन का विकास किया गया है और इसे ऐतिहासिक रूप से आकर्षक बनाने के लिए कलाकृति का उपयोग किया गया है। स्थान की डिज़ाइनिंग ने चारबाग शैली में की गई है, जिसमें निकटवर्ती कुदसिया बाग से प्रेरित बारादरी और छतरियाँ शामिल हैं।