सम्मेलन में शामिल होने राष्ट्रीय राजधानी आए विदेशी मेहमानों को देश की धरोहर ने खूब आकर्षित किया। रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित कई विदेशी मेहमान कुतुब मीनार और हुमायूं के मकबरे सहित अन्य स्मारकों को देखने पहुंचे।
मैक्रो कुतुब मीनार की बनावट, नक्काशी और इतिहास से काफी प्रभावित हुए। इस दौरान उन्होंने स्मारक के संरक्षण को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तारीफ की। एएसआई की टीम ने उन्हें स्मारक के इतिहास से रूबरू कराया। इस मौके पर जहां विदेशी मेहमान घूमते नजर आए, वहां आम लोगों के जाने की मनाही रही। एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन में आए जी-20 के वित्तीय स्थरिता बोर्ड के सदस्यों ने भी कुतुब मीनार का दौरा किया।
एएसआई दिल्ली सर्कल के चीफ प्रवीण सिंह ने बताया कि अधिकतर मेहमानों ने हुमायूं का मकबरा और कुतुब मीनार देखने में दिलचस्पी दिखाई है। दिल्ली की खूबसूरती और इतिहास ने विदेशी मेहमानों को आकर्षित किया। इससे पहले यूरोपियन यूनियन के मेहमान ने सफदरजंग का मकबरा देखा है।
इसके साथ ही साथ बेल्जियम की राष्ट्रपति ने लोदी गार्डन और हुमायूं के मकबरे का दीदार किया। इस कड़ी में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टोफर्नांडीज, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूटे, यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष चार्लीस माइकल पत्नी के साथ हुमायूं का मकबरा देखने पहुंचे।