नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं. इससे ठीक पहले रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प पर जानलेवा हमले हो रहे हैं. मंगलवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने ट्रंप से संपर्क किया और उन्हें यह बताया गया कि ईरान से उनकी हत्या करने की धमकियां मिल रही है.
ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन से जुड़े एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प को मंगलवार सुबह राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा ईरान से उनकी हत्या करने की धमकियों के बारे में जानकारी दी गई ताकि अमेरिका में अस्थिरता पैदा की जा सके और अराजकता फैलाई जा सके.”
अब मन में यह सवाल उठना तो लाजमी है कि आखिर ईरान ही क्यों? और केवल डोनाल्ड ट्रंप ही क्यों? चुनाव में तो डेमोक्रैट पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस भी मैदान में है. ऐसे में केवल ट्रंप को ही ईरान क्यों निशाना बनाना चाहता है. कुछ समय पहले इस तरह की खबरें भी सामने आई थी कि ईरान समर्थित हैकर्स चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाते हुए कमला हैरिस की मदद कर रहे हैं. दरअसल, इसके पीछे ट्रंप द्वारा साल 2020 में किया गया वो कांड मुख्य वजह है, जिसके कारण उस वक्त अमेरिका की सुरक्षा तक खतरे में पड़ गई थी.
तब डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी सुरक्षाबलों ने जनवरी 2020 में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या करवा दी थी. जिसके बाद दोनों देशों के बीच टेंशन काफी ज्यादा बढ़ गई थी. यही वजह है कि ईरान यह चाहता है कि डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति ना बनें.
ट्रंप के इलेक्शन कैंपेनर ने कहा कि खुफिया अधिकारियों ने पहचान की है कि ईरानी खतरे “पिछले कुछ महीनों में बढ़ गए हैं” और अमेरिकी सरकार के अधिकारी ट्रम्प की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि चुनाव प्रभावित न हों. ईरान ने पहले अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने के अमेरिकी दावों का खंडन किया है.