लोकसभा चुनाव के बाद देश में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन चुकी है. लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. मोदी कैबिनेट 3.0 में मंत्रियों के बीच मंत्रालय का भी बंटवार किया जा चुका है. अब इन सबके बीच सभी की निगाहें स्पीकर पर टिकी हुई है कि लोकसभा का नया स्पीकर कौन होगा? तमाम कयासों के बाद एक नाम सामने आ रहा है, जिस पर शायद मुहर लग सकती है.
बता दें कि 24 जून से संसद का विशेष सत्र शुरू हो सकता है और इसके साथ ही स्पीकर को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद के हिसाब से नहीं रहा और उसे अकेले बहुमत नहीं मिल सका. जिसके बाद एनडीए की सरकार बनाने में जेडीयू और तेलुगू देशम पार्टी ने अहम रोल निभाया. इन दोनों पार्टियों के समर्थन के बिना मोदी सरकार का केंद्र में आना मुश्किल ही था. वहीं, इन सबके बीच आंध्र प्रदेश के नए सीएम चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने लोकसभा के स्पीकर पद पर दावेदारी ठोक चुकी है. जेडीयू भी स्पीकर पद की मांग कर रहे हैं.
तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए यह खबर सामने आ रही है कि स्पीकर पद की जिम्मेदारी बीजेपी अपने पास ही रखेगी और इसके लिए आंध्र प्रदेश की बीजेपी की अध्यक्ष दुग्गुबति पुरंदेश्वरी का नाम सामने आ रहा है. पुरंदेश्वरी ने राजमुंदरी से लोकसभा सीट का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने लोकसभा चुनाव में राज्य में टीडीपी और जनसेना के साथ बीजेपी के गठबंधन में अहम भूमिका अदा की थी. जनता ने भी इस गठबंधन पर भरोसा दिखाया और लोकसभा व राज्यसभा दोनों ही चुनाव में पार्टी को अच्छा प्रदर्शन रहा.
जानिए कौन हैं दुग्गुबति पुरंदेश्वरी?
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव की बेटी हैं और चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं. यानी कि रिश्ते में पुरंदेश्वरी चंद्रबाबू नायडू की साली हैं. दुग्गुबति तीन बार सांसद भी रह चुकी हैं. वह कांग्रेस में भी रह चुकी हैं. 2004 और 2009 में विशाखापट्टनम और बापतला से दुग्गुबति ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा था. दुग्गुबति और उनके पति दुग्गुबति वेंकटेश्वरा राव पहले चंद्रबाबू नायडू के साथ ही थे लेकिन 1996 में टीडीपी में हुए तख्तापलट केो बाद एनटी रामाराव को सीएम पद से हटा दिया गया था. इसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने टीडीपी से पुरंदेश्वरी और उनके पति वेंकटेश्वरा को साइडलाइन कर दिया. जिससे नाराज होकर पुरंदेश्वरी ने राजनीति में आ गई और कांग्रेस में शामिल हो गई.
कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में हुईं शामिल
पुरंदेश्वरी दो बार कांग्रेस के टिकट से सांसद भी रह चुकी हैं और यूपीए की सरकार में मनमोहन सिंह की कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल चुकी है. इस बीच आंध्र प्रदेश का विभाजन कर दिया गया. जिससे नाराज होकर पुरंदेश्वरी ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गई. बीजेपी में उन्हें पार्टी राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया और बाद में उन्हें पार्टी के महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया गया.