दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘शिष्टाचार’ नामक एंटी-ईव-टीजिंग दस्तों का गठन किया है। यह पहल उत्तर प्रदेश में 2017 में शुरू किए गए ‘एंटी-रोमियो’ दस्तों के समान है।
प्रत्येक जिले में 15 सदस्यीय ये दस्ते सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं से होने वाली छेड़छाड़, उत्पीड़न और अन्य अपराधों को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे। दस्तों का नेतृत्व संबंधित जिले के अपराध शाखा प्रमुख (एसीपी) करेंगे, और उनकी निगरानी महिला अपराध शाखा (सीएडब्ल्यू) के सहायक आयुक्त करेंगे।
इन दस्तों की प्राथमिकताएं होंगी:
सार्वजनिक परिवहन केंद्रों, बाजारों और शैक्षणिक संस्थानों जैसे संवेदनशील स्थानों पर गश्त करना।
महिला यात्रियों और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बसों के चालकों के साथ संवाद स्थापित करना।
महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया देना और उनकी गोपनीयता सुनिश्चित करना।
विशेष पुलिस आयुक्त (प्रशिक्षण) छाया शर्मा ने बताया कि प्रत्येक जिले में दो ‘शिष्टाचार’ दस्ते होंगे, जिनमें 3 से 4 महिला अधिकारी शामिल होंगी। यह कदम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के चुनावी वादे के अनुरूप है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘एंटी-रोमियो’ दस्तों की तैनाती और सीसीटीवी कैमरों का व्यापक नेटवर्क स्थापित करने का वादा किया गया था।