दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित घोटाला मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. ऐसा दूसरी बार है जब दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की है. सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों जांच एजेंसियों की ओर से दर्ज केस में जमानत की मांग की थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 मई को सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मनीष सिसौदिया अपनी बीमार पत्नी से पहले की तरह हफ्ते में एक बार मिल सकते हैं. अदालत ने कहा कि कोर्ट को बताया गया की मनीष ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. मोबाइल फोन नष्ट किये गए. मनीष बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं. उनके पास 18 मंत्रालय हैं. अदालत ने कहा की इस मामले में कई सरकारी गवाहों ने मनीष के खिलाफ बयान दिया हैं. ऐसे में मनीष द्वारा उनको प्रभावित करने से इनकार नहीं किया जा सकता. अदालत ने यह भी कहा की मनीष के खिलाफ पहले से सबूतों को नष्ट करने का आरोप है. अदालत ने कहा की ईडी ने मनीष के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस प्रथम दृष्ट्या बनाया है.
सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे सिसोदिया
वहीं, मनीष सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप नेता मनीष सिसोदिया को अदालत से ऐसे समय पर झटका लगा है, जब इसी केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी है.
अरविंद केजरीवाल एक जून तक जमानत पर बाहर हैं और लोकसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि सीएम केजरीवाल को 2 जून को कोर्ट के सामने सरेंडर करना है. माना जा रहा था कि मनीष सिसोदिया को भी कोर्ट से जमानत मिल सकती है, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर पानी फिर गया.