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पंजाब: गुरदासरपुर में पुलिस और किसानों के बीच झड़प, कई किसान घायल-जानें क्या है पूरा मामला!

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मंगलवार को पंजाब के गुरदासरपुर में पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई. जिसमें कई किसान घायल हो गए. जानकारी के मुताबिक, पूरी घटना गुरदासपुर जिले के श्रीहरगोबिंदपुर साहिब के पास नंगलझोर गांव की है. जहां मंगलवार को किसान और पुलिस प्रशासन उस वक्त आमने-सामने आ गए जब बड़ी संख्या में किसान यहां प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान कई किसान घायल भी हुए हैं. इस दौरान किसानों ने पंजाब पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

किसान नेताओं के मुताबिक, श्रीहरगोबिंदपुर साहिब में गुजर रहे हाईवे को लेकर सरकार कब्जा लेना चाहती है. लेकिन किसान नेता इसे देना नहीं चाहते. इसी के चलते किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच मंगलवार को टकराव हो गया. इस दौरान कई किसानों की पगड़ियां तक उतर गईं.

गुरदासपुर में हुई झड़प के बाद किसानों और सरकार के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है. किसानों का आरोप है कि सरकार ज़मीन अधिग्रहण कानूनों का सही पालन नहीं कर रही. जिससे उन्हें उचित मुआवज़ा नहीं मिल रहा है. वहीं सरकार का कहना है कि विकास के लिए ज़मीन अधिग्रहण ज़रूरी है.

सरकार किसानों को उचित मुआवजा देने की बात कह चुकी है. बावजूद इसके अभी तक दोनों पक्षों के बीच कोई रास्ता नहीं निकला है. किसानों की मांग है कि सरकार ज़मीन अधिग्रहण से पहले उनसे बात करे और उन्हें सही मुआवजा दे. इसके अलावा किसान अपने पुनर्वास की मांग भी कर रहे हैं. किसान चाहते हैं कि सरकार खेती को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए. क्योंकि खेती ही उनके जीवन का आधार है. ऐसे में खेती न होने की वजह से उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा.

जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि मंगलवार (11 मार्च) को दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए हुई झड़प भूमि अधिग्रहण से जुड़ी हुई है. दरअसल, अमृतसर में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए 99 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है. इस एक्सप्रेसवे के 30 किमी हिस्से को लेकर विवाद है, जिसे लेकर किसान लंबे समय से विरोध कर रहे हैं. किसानों के विरोध का असर एक्सप्रेसवे के निर्माण पर भी देखने को मिल रहा है. ये किसान साल 2022 से ही इसका विरोध कर रहे हैं और ज्यादा सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. हाल ही में NHAI ने अमृतसर में 30 किलोमीटर के एक सेक्शन के टेंडर को रद्द कर दिया था. जिसकी वजह ये थी कि किसानों ने वहीं अपनी जमीनें अधिग्रहण करने से इनकार कर दिया था.

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