बृहस्पतिवार को लखनऊ में सपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खनन घोटाले मामले में सीबीआई के सम्मन के लिए सामने पेश नहीं हुए। हालांकि, उन्होंने सीबीआई को पत्र के माध्यम से जवाब दिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सीबीआई को जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है, साथ ही पूछा कि वे चुनाव से पहले क्यों नोटिस जारी किया गया। उन्होंने लखनऊ में या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बयान देने का सुझाव दिया है। सीबीआई को जवाब भेजने की पुष्टि भी अखिलेश ने की है।
सीबीआई ने अखिलेश यादव को गवाह बुलाया है, इसके कारण वह लखनऊ में आकर जांच के लिए पूछताछ के लिए संतुष्ट हो सकती है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज कराना अब अधिकारिकता का परिचय कराने में कठिन हो रहा है।
जरूरी सूचना के अभाव में, सीबीआई अखिलेश को 15 दिनों के भीतर फिर से नोटिस जारी करके पूछताछ कर सकती है। यदि वह दिल्ली जाकर जांच एजेंसी को अपना बयान नहीं देते हैं, तो जांच अधिकारी लखनऊ आ सकता है और उनका बयान दर्ज कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, अखिलेश से खनन पट्टों के आवंटन के मामले में पंचम तल पर किए गए फैसलों के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं। इस नये तथ्य के साथ, जांच का मामला नए मोड़ पर जा सकता है।