70 के दशक में बॉलीवुड अपने उसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था लेकिन एक फिल्ममेकर ने हिंदी सिनेमा को अलग और नया आयाम देने की शुरुआत कर दी. हालांकि यह सामाजिक तौर पर उनके लिए आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने मुकाम पर सफल हुए और बॉलीवुड में सिनेमा के एक नए युग की शुरुआत भी की. हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के दिग्गज डायरेक्टर श्याम बेनेगल की. जिन्होंने ‘समानांतर सिनेमा’ को परिभाषित किया.
साथ ही फिल्म इंडस्ट्रीज में कई नए कलाकार भी दिए. सामाज के उन पहलुओं को छुआ जिनको किसी और डायरेक्टर की हिम्मत भी नहीं होती थी. फिल्म निर्माण के हर क्षेत्र में जबरदस्त कामयाबी भी हुए. आज श्याम बेनेगल का जन्मदिन है. बेनेगल आज 87 साल के हो गए हैं. श्याम बेनेगल की भारतीय सिनेमा में शुरुआत बहुत ही नाजुक वक्त पर हुई थी. अर्थपूर्ण सिनेमा जब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था उस दौर में बेनेगल की फिल्मों ने फिल्मकारों को प्रेरित किया. ये वो वक्त था जब देश में न्यू सिनेमा की शुरुआत हो रही थी. उनकी फिल्मों ने दर्शकों को तो आकर्षित किया ही और फिल्मकारों ने सिनेमा को जनचेतना का माध्यम मानते हुए फिल्मों का निर्माण किया.
उनके पथ प्रदर्शक बनकर उभरे श्याम बेनेगल, जो फिल्मों को सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं मानते. हिंदी सिनेमा के डायरेक्टर और दिग्गज कलाकार गुरुदत्त के भतीजे श्याम बेनेगल का जन्म 14 दिसम्बर 1934 को हैदराबाद में हुआ था. अर्थशास्त्र में एमए करने के बाद फोटोग्राफी करने लगे. बेनेगल ने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापनों के स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर की. फिल्में बनाने से पहले वह करीब 900 विज्ञापन फिल्में बना चुके थे. उसके बाद श्याम बेनेगल फिल्मों की ओर मुड़ने लगे. श्याम बेनेगल बॉलीवुड और बांग्ला फिल्मों के दिग्गज डायरेक्टर सत्यजीत रे से बहुत प्रभावित थे. सत्यजीत रे के अवसान के बाद श्याम ने उनकी विरासत को संभाला और इसे समकालीन संदर्भ प्रदान किया है. आइए आज बेनेगल के जन्मदिवस पर उनके निर्देशक करियर के बारे में जानते हैं.
शंभू नाथ गौतम