लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने एग्जिट पोल को घपला करार दिया. कहा, चुनावी एग्जिट पोल की वजह से शेयर बाजार में लोगों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए. इसकी क्रोनोलॉजी समझिए. पहली बार हमने नोट किया की चुनाव के समय प्रधानमंत्री ने, गृहमंत्री ने और फाइनेंस मिनिस्टर ने स्टॉक मार्केट पर टिप्पणी दी.
प्रधानमंत्री ने कहा, स्टॉक मार्केट तेजी से आगे बढ़ने वाला है, गृहमंत्री और वित्तमंत्री ने भी यही कहा है. इससे बाजार में उछाल आया. बाद में यह डूब गया. यह एक घपला है. इसकी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा, शेयर बाजार पर भ्रम फैलाया गया. पूरे मामले की जेपीसी से जांच होनी चाहिए. एग्जिट पोल करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की जाए. भारत के शेयर बाजार का यह सबसे बड़ा घोटाला है.
भारत के स्टॉक मार्केट का यह सबसे बड़ा घोटाला है. पूरा मामला आपराधिक है. जांच की जाए और कार्रवाई भी की जाए. जब उनसे पूछा गया कि क्या कोर्ट में जाएंगे? इस पर राहुल गांधी ने कहा, हम जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं. जो भी होगा हम करेंगे.
राहुल गांधी ने कहा, चुनाव से पहले बीजेपी का इंटरनल सर्वे भी उन्हें सिर्फ 220 सीटें दे रहा था. इसलिए एग्जिट पोल के जरिये भ्रम फैलाया गया. इसके बाद 3 जून को शेयर बाजार ने रिकॉर्ड तोडा और काफी ऊंचाई पर चला गया. हम जनता को बता रहे हैं कि यहां एक स्कैम हुआ है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और वित्त मंत्री सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार हैं.
जब राहुल गांधी से पूछा गया कि अगर सरकार जेपीसी जांच के लिए नहीं मानी तो क्या करेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष काफी मजबूत होगा. इसबार उन्हें हमारी बात माननी होगी. हम दबाव बनाएंगे और उन्हें जेपीसी की मांग माननी ही होगी. ईमानदार लोगों का पैसा शेयर बाजार में लगा हुआ था.