देश में सोना अब बिना हॉलमार्क का नहीं बिकेगा. मोदी सरकार अगले साल जून महीने से सोना को लेकर नया नियम लागू कर देगा. साथ ही अब नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू हो जाने के बाद सोने के गहनों को खरीदने वाले उपभोक्ता को कई ठग नहीं सकेगा.
इस नए कानून के लागू हो जाने के बाद अब अगर जूलर्स ने आपके साथ धोखा किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्क की व्यवस्था भी अब देश में अगले साल जून महीने से लागू हो जाएगी. नया उपभोक्ता कानून आने के बाद हॉलमार्किंग के नियम का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य हो जाएगा.
हॉलमार्किंग के नियम में क्यों किया गया बदलाव
बीते जुलाई महीने में ही सोना खरीदने का नया नियम जनवरी 2021 से बढ़ा कर जून 2021 कर दिया गया था. ऐसा कोरोना वायरस को देखते हुए किया गया था. केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने तब कहा था कि जूलर्स ने थोड़ा और वक्त मांगा था. इसलिए सोना को लेकर जो सरकार ने गाइडलाइंस जारी की थी उसमें परिवर्तन किया गया है.’
बता दें कि ग्राहक सोना खरीदते समय उसकी क्वालिटी पर जरूर ध्यान देते हैं. केंद्रीय उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक, ‘ग्राहक जब भी सोना खरीदने जाएं तो हॉलमार्क देखकर ही सोना खरीदें. हॉलमार्क एक तरह की सरकारी गारंटी है और इसे देश की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी (BIS) तय करती है.
हॉलमार्क देखकर खरीदने का यह फायदा है कि अगर आप निकट भविष्य में जब भी इसे बेचने जाएंगे तो आपको कम दाम नहीं मिलेंगे, बल्कि आपको सोने का खरा दाम मिलेगा. केंद्र सरकार की तरफ से 15 जनवरी 2020 को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई थी, लेकिन अब 15 जनवरी 2021 के बजाए जून 2021 से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी.’
जनवरी 2021 से बढ़ा कर जून 2021 कर दिया गया
इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने ज्वेलर्स को एक साल का समय दिया है, क्योंकि जूलर्स अपना पुराना स्टॉक एक साल में क्लीयर कर लें सकें. देश में हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहै है. एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश में 900 के आस-पास हॉलमार्किंग केंद्र हैं, जिसे और बढ़ाया जा रहा है.
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण
हॉलमार्क अनिवार्य किए जाने और नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू हो जाने के बाद अब अगर कोई ज्वेलर्स नियमों का पालन नहीं करता है उस पर जुर्माना के साथ जेल का भी प्रावधान किया गया है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के मुताबिक अब ज्वेलर्स पर एक लाख रुपये का जुर्माना और एक साल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही जुर्माने के तौर पर सोने की कीमत का पांच गुना तक चुकाने का प्रावधान भी किया गया है.
ज्वेलरी में हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण है. हॉलमार्किंग से जूलरी में कितना सोना लगा है और दूसरे मेटल कितने हैं लगे हैं इसका पता चलता है. सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए हॉलमार्क किया जाता है. प्रमाणित ज्वेलरी पर बीआईएस का चिन्ह होता है और यह प्रमाणित करता है कि ज्वेलरी भारतीय मानक ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड पर खतरा उतरता है.
अगर सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्ध प्रमाणित है. असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. उसी में ज्वेलरी निर्माण का साल और उत्पादक का भी लोगो होता है.
साभार-न्यूज़ 18