एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद अब सबकी निगाहें मतगणना पर केंद्रित हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी जहां सभी सात सीटों पर अपनी जीत की उम्मीद जता रही है, वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन अब भी आशावादी है और उन्हें सर्वेक्षणों की अपेक्षा मतगणना पर अधिक भरोसा है। इसके चलते, राजनीतिक दलों की सारी ऊर्जा अब अगले दिन होने वाली मतगणना की तैयारी में लगी हुई है।
काउंटिंग सेंटर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और एक मजबूत टीम तैनात की गई है। राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव एजेंटों को सुबह पांच बजे तक मतगणना केंद्र पर पहुंचने का निर्देश दिया है, ताकि वे मतगणना प्रक्रिया पर पैनी नजर रख सकें। उन्हें खासतौर पर काउंटिंग की निगरानी के लिए निर्देशित किया गया है और आवश्यक टिप्स भी दिए गए हैं।
चार जून को लोकतंत्र के इस महापर्व में हार-जीत का फैसला होना है। सुबह 10 बजे तक चुनाव के परिणामों का रूझान मिलना शुरू हो जाएगा। चुनाव आयोग ऑनलाइन अपडेट्स देगा, और राजनीतिक दलों के इलेक्शन एजेंट प्रत्येक राउंड के बाद पार्टी को मतदान का आंकड़ा प्रदान करेंगे। ये एजेंट मतगणना प्रक्रिया की पूरी देखरेख करेंगे और पक्ष तथा विपक्ष में पड़े वोटों का मिलान करेंगे। उनकी उपस्थिति में ही ईवीएम मशीनों की जांच की जाएगी।
प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के काउंटिंग सेंटर पर लगभग 90 इलेक्शन एजेंट की टीम तैनात की गई है। ये एजेंट विभिन्न विधानसभाओं के लिए बनाए गए टेबलों पर कार्य करेंगे। मतगणना के दौरान अगर किसी ईवीएम में खराबी आती है या वीवीपैट पर्चियों में गड़बड़ी पाई जाती है, तो चुनाव आयोग के अधिकारी को तुरंत सूचित किया जाएगा।