कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल, बेंगलुरु की कोर्ट ने पॉक्सो के मामले में येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. पुलिस के मुताबिक, पूर्व सीएम येदियुरप्पा पर 17 साल की एक लड़की की मां की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है.
इस मामले में बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने इस साल 2 फरवरी को बेंगलुरु के डॉलर्स कॉलोनी में अपने आवास पर एक बैठक के दौरान महिला की बेटी का यौन उत्पीड़न किया था.
बता दें कि फिलहाल येदियुरप्पा दिल्ली में हैं और उनके खिलाफ सीआईडी पॉक्सो मामले की जांच कर रही है. बेगलुरु की अदालत में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें गुरुवार को उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया गया. बता दें कि इससे पहले ही गृह मंत्री ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सीआईडी येदियुरप्पा को गिरफ्तार कर सकती है. बता दें कि इससे पहले सीआईडी ने येदियुरप्पा को 12 जून को इस मामले में कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन तब येदियुरप्पा ने कहा था कि वो दिल्ली में है इसलिए वह 17 जून को सीआईडी के सामने पेश होंगे.
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ इसी साल 14 मार्च को एक महिला ने बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि येदुयुरप्पा ने उनकी नाबालिग बेटी के साथ यौन शौषण किया था, जब वह दोनों येदियुरप्पा के घर किसी काम को लेकर गए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी. बता दें कि इस मामले में बीएस येदियुरप्पा एक बार सीआईडी के सामने पेश हुए थे.
वहीं इस मामले की शिकायत करने वाली महिला की 26 मई को मौत हो गई. बताया गया कि महिला कई दिनों से बीमार थी. महिला की मौत के बाद पीड़िता के भाई ने कर्नाटक हाई कोर्ट में एक रिट पिटीशन दर्ज कर येदियुरप्पा की गिरफ्तार की मांग की थी. उधर बीएस येदियुरप्पा ने भी पॉक्सो मामले को खारिज करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था. इस बीच गुरुवार को खिलाफ उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.