मौजूदा राजनीति जगत में सबसे व्यस्त नेताओं में शुमार गृहमत्री अमित शाह आज 57 साल के हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी को हाल के वर्षों में बुलंदियों पर ले जाने में अमित शाह की बड़ी भूमिका रही है. पार्टी के अंदर कितनी भी बड़ी और जटिल सियासी समस्याओं को सुलझाने में अमित शाह को माहिर माना जाता है.
राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सबसे सफल जोड़ियों में शुमार है. दोनों नेताओं की साल 1986 में शुरू हुई दोस्ती आज भी बनी हुई है. यही नहीं पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच किसी भी बड़े फैसले को लेकर गजब का तालमेल दिखाई पड़ता है. आज शाह के जन्मदिवस पर भाजपा नेताओं की ओर से सुबह से ही बधाई देने का सिलसिला जारी है. गृहमंत्री के जन्मदिवस पर पीएम मोदी ने कहा कि ‘अमित शाह जी को जन्मदिन की बधाई. मैंने कई सालों तक अमित भाई के साथ काम किया है.
पार्टी और सरकार को मजबूत करने में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखा है. वह ऐसे ही जोश के साथ देश की सेवा करते रहें. उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्रार्थना करता हूं’.
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमित शाह को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई नेताओं ने जन्मदिन पर बधाई दी.
बता दें कि 22 अक्टूबर 1964 को जन्मे शाह को भारतीय जनता पार्टी का ‘चाणक्य’ माना जाता है. जुलाई 2014 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद पार्टी के विस्तार के लिए उन्होंने पूरे देश का दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को जागृत करने का काम किया. शाह को कार्यकर्ताओं की अच्छी परख है और वह संगठन व प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी हैं. शाह ने पहली बार गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से 1997 के विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमाई और तब से 2012 तक लगातार पांच बार वहां से विधायक चुने गए.
शाह को राज्य दर राज्य बीजेपी की सफलता गाथा लिखने का सूत्रधार माना जाता है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के अलावा कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के लिए अमित शाह को श्रेय दिया जाता है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह ने राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री ली और सांसद बनने के बाद गृहमंत्री का पद संभाला. अपने कार्यकाल में उन्होंने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाना, नागरिकता संशोधन एक्ट जैसे कठोर फैसले लिए हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार