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मुंबई: एमिरेट्स की फ्लाइट की चपेट में आने से 40 राजहंसों की मौत, एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग

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मुंबई में एमिरेट्स की फ्लाइट की चपेट में आने से 40 राजहंसों की मौत हो गई. इस बात की जानकारी तब हुई जब मुंबई के घाटकोपर इलाके में कम से कम 40 राजहंस मृत पाए गए. जिस फ्लाइट से राजहंसों की मौत हुई वह दुबई से मुंबई आ रही थी. राहत की बात ये रही कि राजहंसों के टकराने के बाद भी एमिरेट्स फ्लाइट EK 508 ने मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की.

जानकारी के मुताबिक, ये घटना मुंबई के पंतनगर के लक्ष्मी नगर इलाके के पास हुई. इस घटना के बाद मुंबई से दुबई जाने वाली एमिरेट्स की फ्लाइट को देर रात रद्द कर दिया गया. क्योंकि राजहंसों के टकराने के बाद विमान की पूरी तरह से जांच की जाएगी. इसके बाद ही उसे उड़ान के लिए फिट माना जाएगा. फ्लाइट के रद्द होने की वजह से कई यात्री मुंबई एयरपोर्ट पर ही फंस गए.

जानकारी के मुताबिक,एक वाइल्ड लाइफ संरक्षक को घाटकोपर इलाके में कुछ स्थानों पर कई मृत पक्षी पाए जाने की कॉल प्राप्त हुई थी. इसके बाद अफसरों की टीम मौके पर पहुंची. जहां पूरे इलाके में पक्षियों के शव पड़े हुए थे. पूरे इलाके में पक्षियों के पंख, पंजे और चोंच के टूटे हुए टुकड़े बिखरे पाए गए. पक्षियों की मौत का वास्तविक कारण जानने के लिए उनके शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है.

सोमवार रात एमिरेट्स फ्लाइट 509 को रद्द किए जाने के बाद अब ये फ्लाइट आज यानी मंगलवार रात 9 बजे मुंबई से दुबई के लिए उड़ान भरेगी. वहीं फ्लाइट के रद्द होने की वजह से एयरपोर्ट से फंसे यात्रियों के लिए एयरलाइन ने ठहने का प्रबंध कराया है.

बता दें कि राजहंसों की मौत के बाद महाराष्ट्र वन विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही अधिकारियों ने उस स्थान से नमूने एकत्र किए हैं जहां शव पाए गए हैं. वहीं वन विभाग की एक अन्य टीम एमिरेट्स विमान उड़ा रहे पायलट का बयान दर्ज करेगी. अतिरिक्त मुख्य संरक्षक एसवी रामाराव ने बताया, “हमारी टीम जमीन पर है और राजहंस की मौत के कारण का पता लगाने के लिए पूर्ण पैमाने पर जांच शुरू कर दी गई है. हम उस पायलट का बयान भी दर्ज करेंगे जिसने जंगल में पक्षी के टकराने की सूचना दी थी.”

रामाराव ने बताया कि हवाई अड्डे के आसपास ऐसी दुर्घटना अनसुनी थी. ऐसा माना जाता है कि राजहंस का झुंड ठाणे राजहंस अभयारण्य की ओर उड़ रहा था जब वह विमान की चपेट में आ गया. अन्य कर्मचारियों ने कहा कि राजहंसों ने निर्माण या प्रदूषण के कारण अपनी उड़ान का रास्ता बदल लिया होगा.

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