चीन ने 2025 के लिए अपने रक्षा बजट में 7.2% की वृद्धि करते हुए इसे $245 अरब (लगभग ₹18 लाख करोड़) कर दिया है। यह राशि भारत के रक्षा बजट से तीन गुना अधिक है, जो चीन की सैन्य शक्ति में लगातार हो रही वृद्धि को दर्शाती है। इस वृद्धि के साथ, चीन का रक्षा खर्च वैश्विक रक्षा बजट में प्रमुख योगदान बना हुआ है, जो 2024 में $2.46 ट्रिलियन तक पहुंच गया था।
वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों ने अपनी रक्षा योजनाओं को बढ़ाया है, और चीन का यह कदम वैश्विक सुरक्षा प्रतिस्पर्धा में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और रूस से अपने रक्षा खर्च में 50% की कटौती करने की अपील की है। इसके जवाब में, चीन ने कहा है कि यदि अमेरिका ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति अपनाता है, तो उसे सैन्य खर्च में कटौती और परमाणु निरस्त्रीकरण में नेतृत्व करना चाहिए।
यह कदम एक और संकेत है कि चीन अपनी वैश्विक सैन्य स्थिति को मजबूत करने के लिए अधिक संसाधन आवंटित कर रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।।