23 सितंबर 2022: शुक्रवार को सूर्योदय और सूर्यास्त भी एक ही समय होगा, जानिए क्यों होता है ऐसा

23 सितंबर, शुक्रवार को सिद्ध योग बन रहा है. पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण 23 सितंबर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लम्बवत रहता है. इसे शरद संपात कहा जाता है. सूरज को भूमध्य रेखा पर लम्बवत होने के कारण दिन और रात्रि बराबर यानि 12-12 घंटे के होते हैं. 23 सितंबर 2022, शुक्रवार के बाद भास्कर दक्षिणी गोलार्द्ध व तुला राशि में गोचर करेगा. सूरज के दक्षिणी गोलार्द्ध में आने से उत्तरी गोलार्द्ध में दिन छोटे और रात बड़ी होने लगेंगी. यह क्रम 22 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस दिन से भारत और उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे छोटा और रात सबसे बड़ी होगी.

24 सितंबर से सूरज के दक्षिणी गोलार्द्ध में आने से किरणों की तीव्रता उत्तरी गोलार्द्ध में कम होने लगेगी. जिससे शरद ऋतु आरंभ होगा.

पितृ पक्ष में त्रयोदशी श्राद्ध 23 सितंबर 2022, हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष अश्विन त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर 2022 को सुबह 01 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 24 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 23 सितंबर 2022 को है, शुक्र प्रदोष व्रत के दिन बेहद शुभ योग का संयोग बन रहा है, इस व्रत में शिव की पूजा शाम के समय की जाती है. वहीं शुक्रवार होने से ये लक्ष्मी जी की उपासना का भी दिन है. मां लक्ष्मी की विशेष पूजा भी संध्या काल से शुरू होती है. ऐसे में जातक पर इन दोनों की कृपा बरसेगी.
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त – शाम 06.23 – रात 08.45 (23 सितंबर 2022)

ज्योतिष गणना में ग्रहों की चाल का विशेष महत्व बताया गया है. ग्रहों की हलचल हमारे जीवन की गतिविधियों को प्रभावित कर देती है.

ज्योतिष गणना के अनुसार, 24 सितंबर को शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. वहां पर पहले बुध और सूर्य विराजमान हैं. शुक्र यहां पहुंचकर बुध और सूर्य के साथ मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे. यही नहीं इसके पहले ही कन्या राशि में बुध और सूर्य मिलकर बुधादित्य योग का निर्माण कर चुके हैं.

शुक्र के राशि बदलने से वृष, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक और मकर राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा. इन राशि वाले लोगों को किस्मत का साथ मिल सकता है.

24 सितंबर को शुक्र का राशि परिवर्तन नीचभंग राजयोग बनाएगा. इसके अलावा, भद्र राजयोग और हंस राजयोग का भी निर्माण होगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग 59 साल बाद बन रहा है. इन राशियों के लिए बेहद शुभ : मिथुन राशि, वृषभ राशि,
जबकि कन्या राशि मे,शुक्र नीचभंग राजयोग का निर्माण करेंगे,
मन प्रसन्न रहेगा. धर्मकर्म के कामों में रूचि लेंगे.
धनु राशि मे हंस, नीचभंग और भद्र नामक राजयोग बन रहा है. जो इनकी किस्मत चमकायेगा, ट्रांसफर या प्रमोशन की स्थिति बन सकती है.

और मीन राशि मे नीचभंग राजयोग और भद्र राजयोग भी बन रहा है जो बहुत शुभ होते हैं.

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