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जाकिर नाईक ने फिर उगला जहर, पाकिस्‍तान में मंदिर तोड़ने की घटना को ठहराया जायज

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जाकिर नाईक, विवादित धर्मगुरु

कुआलालंपुर/इस्‍लामाबाद | पाकिस्‍तान में हाल ही में एक मंदिर को निशाना बनाया गया, जब उन्‍मादी भीड़ ने बीते सप्‍ताह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक मंदिर को हथौड़े से मारकर गिरा गया था.

पाकिस्‍तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित देश में सत्‍तारूढ़ इमरान खान की अगुवाई वाली पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ ने भी इसकी निंदा की थी, लेकिन भारत से भागकर मलेशिया में शरण लेने वाले विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक ने इस ‘शर्मनाक’ वारदात को जायज ठहराया है.

पाकिस्‍तान में मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को उच‍ित ठहराते हुए जाकिर नाईक ने कहा कि किसी भी इस्‍लामिक देश में मंदिर बनाए जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जाकिर नाईक का यह बयान 30 दिसंबर को पाकिस्‍तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में उन्मादी भीड़ द्वारा मंदिर को हथौड़े से मारकर गिराए जाने की घटना के बाद आया है. आरोप है कि आतंकी समूह से समर्थन प्राप्त एक स्‍थानीय मौलवी ने लोगों को हिंदू समूदाय के खिलाफ भड़काया और मंदिर गिराने के लिए उकसाया.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें लोगों को हथौड़े से मंदिर को तोड़ते देखा गया. वीडियो में मंदिर के एक हिस्से के गिरते ही वहां धूल का गुबार उड़ते देखा गया. पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता एहतेशाम अफगान ने इसे ‘शर्मनाक’ करार देते हुए कहा था कि यह घटना बताती है कि पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ कैसा सलूक करता है. वहीं, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के सांसद लाल चंद माल्ही ने भी इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ घटना करार दिया था.

इन सबके विपरीत जाकिर नाईक ने पाकिस्‍तान में मंदिर तोड़े जाने की घटना को जायज ठहराया है. यह कोई पहली बार नहीं है, जब नाईक ने इस तरह का बयान दिया हो. इससे पहले जाकिर नाईक ने तब भी ऐसा ही बयान दिया था, जब इस्‍लामाबाद में श्री कृ‍ष्‍णा मंदिर के निर्माण का फैसला लिया गया था. जाकिर नाईक ने इसे ‘पाप’ करार दिया था. जाकिर नाईक के खिलाफ भारत में मनी लॉन्‍ड्रिंग का केस चल रहा है. नाईक ने 2016 से ही मलेशिया में शरण ले रखी है.

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