नई दिल्ली| जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री औऱ पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती अपने ही बयान को लेकर घिरती नजर आ रही हैं. दरअसल शुक्रवार को अपनी रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
इस दौरान उनके सामने जम्मू-कश्मीर और पीडीपी का झंडा था. जब उनसे पूछा गया गया कि कि यहां तिरंगा क्यों नहीं है? तो महबूबा ने कहा, ‘हमारा उस झंडे (तिरंगा) से रिश्ता इस झंडे ने बनाया है.
जब उन्हें उनका झंडा (जम्मू कश्मीर का झंडा) वापस नहीं मिलेगा तब तक वह तिरंगा नहीं लहराएंगी. तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है.’
रजा ने कहा पाकिस्तान चली जाएं
महबूबा के इस बयान की तमाम नेताओं ने आलोचना की है. योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पाकिस्तान चली जाएं.
मोहसिन रजा ने वीडियो जारी कर कहा कि नजरबंदी से बाहर आकर महबूबा मुफ्ती ने जिस प्रकार की भाषा बोली है, साफ दर्शाता है कि वह पाकिस्तान और कांग्रेस की भाषा बोल रही हैं. ये लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग के लोग हैं.
इमरान की भाषा बोल रही हैं महबूबा
अनुच्छेद 370 और तिरंगे को लेकर उनके एलान पर मोहसिन रजा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती इमरान खान और राहुल गांधी की भाषा बोल रही हैं. भाजपा ने देश हित में 370 हटाने का फैसला लिया है.
रजा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस लागू करने की चाहत दिल में लेकर चली जाएंगी, लेकिन अब यह हो नहीं सकता है. इसलिए बेहतर है कि वह पाकिस्तान जाने का निर्णय ले लें, जो ज्यादा अच्छा होगा.
कांग्रेस ने भी बयान को बताया अस्वीकार्य
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे झंडे को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है और इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. जेकेपीसीसी के अध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने कहा, ‘ऐसे बयान किसी भी समाज में बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं और अस्वीकार्य हैं.’