यूपी में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर इलेक्ट्रॉनिक से प्रिंट मीडिया तक लिखते-लिखते ‘थक’ गए . पिछले तीन-चार महीने से हर बार यही खबर आती है कि अब यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार होने को तैयार है, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से टल जाता या आगे बढ़ाना पड़ा . राजनीति के जानकार भी योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही लेटलतीफी से ‘उधेड़बुन’ में है.
इसके साथ प्रदेश के भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में भी नए मंत्री परिषद को जानने के लिए ‘बेचैन’ बने हुए हैं. ‘अब एक बार फिर राजधानी लखनऊ से यूपी के मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर अटकलों का बाजार गर्म होने पर मीडिया भी तैयार हो गया है’.
आखिरकार अब जाकर कैबिनेट विस्तार को लेकर ‘मुहूर्त’ निकला है. वैसे यहां हम आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल्ली दौरे में गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के बाद कैबिनेट विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई थी. गौरतलब है कि बीते दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा के बीच बैठक हुई थी, इसमें नामों पर भी चर्चा हुई.
बैठक में तय हुए नामों की लिस्ट को प्रदेश भाजपा की ओर से दिल्ली को भेज दिया गया था. हाईकमान दिल्ली ने उन नामों पर ‘मुहर’ लगा दी है. इस बार जैसे लखनऊ में जो सियासी माहौल बना है वह बता रहा है कि अगले चंद दिनों या सितंबर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी अपने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
यहां आपको बता दें कि ‘यूपी में कैबिनेट के विस्तार के देर से होने पर सबसे अधिक फायदे में मौजूदा समय के वे मंत्री रहे जिन्हें हटाया जाना है . सही मायने में उन्होंने मंत्री के पद पर बने रहने के लिए कुछ महीने जरूर विस्तार कर लिया है’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार