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यूपी: भाजपा सरकार फिलहाल सभापति का चुनाव कराने के पक्ष में नहीं

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यूपी में 100 सदस्यीय सदन में समाजवादी पार्टी के पास 51 सदस्य हैं. भाजपा के पास इस समय 32 ही हैं. विधान परिषद में अल्पमत में होने के चलते सरकार को अपने कानून पास करवाने के लिए प्रभाव बनाए रखना जरूरी होता है.

ऐसे में सभापति की भूमिका अहम हो जाती है. फिलहाल भाजपा प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कराना चाहती है. वहीं सत्तारुढ़ बीजेपी फिलहाल प्रोटेम स्पीकर के जरिए इस कुर्सी को अपने पाले में रखने की जुगत में है. विधान परिषद की निकाय कोटे के 36 सीटों का कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त होगा.

उस समय विधानसभा चुनाव भी होंगे, इसलिए एमएलसी की 36 सीटों पर चुनाव दिसंबर-जनवरी में हो जाएंगे. भाजपा को उम्मीद है कि इन चुनावों में वह संख्या बल को बहुमत के पार ले जाने में सफल होगी और तब अपना सभापति बनाना आसान हो जाएगा.

ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि फिलहाल किसी तरह से सभापति का चुनाव न हो. बता दें यूपी विधान परिषद में अब तक नौ बार प्रोटेम सभापति नियुक्त किए जा चुके हैं जबकि 12 बार चुनाव कराए गए हैंं.

इसके अलावा सभापति का पद रिक्त होने पर 5 बार कार्यवाहक स्पीकर भी बनाया गया है. संवैधानिक व्यवस्था और परंपरा के अनुसार सभापति का पद एक दिन भी रिक्त नहीं रहता है. व्यवस्था को कायम रखने के लिए भाजपा सरकार प्रोटेम स्पीकर से ही काम चलाना जाती है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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